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गणेश चतुर्थी आज, 300 साल बाद बना अद्भुत संयोग, जानिए सबसे शुभ मुहूर्त

प्रथम आराध्य विघ्नहरण-मंगलकरण भगवान गणेश का जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी मंगलवार को श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया जा रहा है।

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जोधपुर। प्रथम आराध्य विघ्नहरण-मंगलकरण भगवान गणेश का जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी मंगलवार को श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सभी गणेश मंदिरों में विशेष श्रंगार व उत्सव हो रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना के साथ ही दस दिवसीय गणेशोत्सव भी मंगलवार को शुरू हो गया है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर रातानाडा गणेश मंदिर में विशेष मेला चल रहा है। गणेश मंदिरों पर आकर्षक रोशनी व फूलमंडली की गई है। श्रद्धालु गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश का दुर्वा (दूब) से अभिषेक करने के बाद मोदक का भोग लगाया गया। वहीं रातानाडा स्थित गजानन मंदिर में मंगलवार से 9 दिन तक चलने वाले महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। चतुर्थी के दिन भगवान गजानन का पांच नई पोशाक और गहनों के साथ श्रृंगार किया गया। मंदिर में मंगलवार सुबह 5 बजे भगवान गणेश की महाआरती हुई। सुबह 10 बजे महोत्सव का आगाज ध्वजारोहण के साथ किया गया। इसमें भगवान गजानन का विशेष श्रृंगार के साथ 51 हजार सूखे मेवे से बने लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा।

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शहर में स्थापित हुईं प्रतिमाएं
गणेशोत्सव के तहत विभिन्न संगठनों की ओर से चौराहों व विभिन्न इलाकों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की गईं। गणेश महोत्सव समिति गणेश मंदिर गणेश चौराहा प्रताप नगर की ओर से गणेश चतुर्थी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आयोजन समिति संयोजक सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि मंगलवार शाम 7: 15 बजे महाआरती कर प्रथम पूज्य को 201 किलो का एक लड्डू चढ़ाया जाएगा।

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बनेंगे शुभ योग
गणेश चतुर्थी पर इस बार लगभग 300 साल बाद अद्भुत संयोग का निर्माण हो रहा है। इस बार गणेश चतुर्थी पर ब्रह्म योग और शुक्ल योग जैसे शुभ योग बन रहे हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी से देशभर में गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त गणपति बप्पा को अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को विदा कर देते हैं।


चतुर्थी तिथि आज दोपहर 3.13 बजे तक
ज्योतिष अनीष व्यास ने बताया कि सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी के पर्व का विशेष महत्व होता है। वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक इस वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितंबर को दोपहर 2:09 बजे शुरू होकर 19 सितंबर 2023 को दोपहर 3:13 बजे चतुर्थी तिथि समाप्त हो जाएगी। ऐसे में उदय तिथि के आधार पर गणेश चतुर्थी और 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव की शुरुआत 19 सितंबर को होगी।

बप्पा की मूर्ति को स्थापित करने का शुभ मुहूर्त
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर घर-घर शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने पर जीवन में सुख-समृद्धि सहित सभी तरह के शुभ फलों की प्राप्ति होती है। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान दिया जाता है। इस बार 19 सितंबर को सूर्योदय से लेकर के दोपहर 12:53 बजे तक कन्या, तुला, वृश्चिक लग्न में भगवान गणेश की स्थापना करने का शुभ योग है। इस बीच मध्याह्न 11:36 से 12:24 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में मूर्ति की स्थापना बहुत ही शुभ है। इसके बाद दोपहर 1:45 बजे से 3 बजे तक भी शुभ मुहूर्त रहेगा। शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। पंचांग के अनुसार गणेश विसर्जन गुरुवार 28 सितंबर को किया जाएगा।