सूत्रों के अनुसार गुरुवार को करीब ढाई घंटे तक चली गवाही के दौरान लॉरेंस कोर्टरूम में नंदकिशोर से मात्र 8 फुट की दूरी पर पुलिसकर्मियों की कड़ी सुरक्षा के बीच खड़ा था। गैंगस्टर ने हत्याकांड के घटनाक्रम की पुष्टि करने की बात सुन ली थी। गवाही खत्म होने पर गवाह और गैंगस्टर लगभग एक साथ ही कोर्ट रूम गेट से बाहर निकल रहे थे, तभी लॉरेंस ने कथित तौर पर गवाह को धमकाते हुए कहा कि तुम झूठी गवाही दे रहे हो।
गवाह नंदकिशोर ने अपने अधिवक्ता जगदीश बिश्नोई के मार्फत कोर्ट चेंबर में बैठे न्यायाधीश तनसिंह चारण से इसकी शिकायत की है। अधिवक्ता विश्नोई के अनुसार न्यायाधीश ने लॉरेंस को समझाते हुए संयमित व्यवहार करने की हिदायत दी।
इससे पूर्व हत्याकांड के चश्मदीद गवाह और वासुदेव के शोरूम में काम करने वाले नंदकिशोर के बयान दर्ज किए गए और आरोपियों के अधिवक्ताओं की ओर से जिरह की गई। नंदकिशोर ने बताया कि 17 सितम्बर, 2017 को रात दस बजे वह शोरूम का शटर बंद कर रहा था। तभी अचानक मोटरसाइकिल पर कुछ लोग आए और मालिक वासुदेव पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। वह झुक गया इससे बच गया। समय अभाव के कारण गवाह जिरह अधूरी रही। जिरह शुक्रवार को भी जारी रहेगी ।
कोर्ट परिसर में बनी जेल से बुधवार को एक कैदी के फरार होने की घटना तथा सुरक्षा कारणों के मद्देनजर अन्य आरोपियों को कोर्ट परिसर नहीं लाया गया।