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लहसुन ने तरेरी आंखें, 400 रुपए किलो बिक रहा, भाव पांच गुना ज्यादा

Garlic price इस बार मौसम की बेरुखी से लहसुन की फसल खराब होने से प्रमुख उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश में पैदावार कम हुई है। इस वजह से आवक प्रभावित हो रही है। जोधपुर में मध्यप्रदेश के मंदसौर से लहसुन की सप्लाई बंद हो गई है।

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Garlic price

लहसुन ने आंखें तरेर ली हैं। लहसुन के भाव आसमान पर पहुंचने से खाने में लहसुन का तड़का व खाने की शान कहे जाने वाली लहसुन की चटनी बनाना महंगा पड़ रहा है। लहसुन होलसेल में 300-320 रुपए किलो बिक रहा, वहीं रिटेल में इसके भाव 350-400 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। लहसुन के भाव पिछले कुछ हफ्तों के मुकाबले करीब पांच गुना ज्यादा है। कुुछ हफ्तों पहले तक लहसुन 50-60 रुपए किलो बिक रहा था। कारोबारियों की मानें तो नई फसल बाजार में देरी से आ सकती है और इसके आने तक कीमतों में उबाल जारी रह सकता है।

लोकल सप्लाई, वह भी मांग के मुकाबले बहुत कम हो रही है
मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान के कोटा से लहसुन आता है। वहीं, स्थानीय स्तर पर जिले के मथानिया व बिंजवाड़िया गांवों से लहसुन की आवक होती है। इन जगहों से भी मांग के मुकाबले कम सप्लाई हो रही है। इस कारण आवक कम होने व सर्दियों में मांग ज्यादा रहने से लहसुन की कीमतों में तेजी है।

मध्यप्रदेश में लहसुन की पैदावार कम हुई है, जिसका असर आवक पर देखने को मिल रहा है। परिणामस्वरूप लहसुन की कीमतों में तेजी आई है।
-राकेश परिहार, पूर्व डायरेक्टर, कृषि उपज मंडी समिति (फल-सब्जी)

नई फसल नहीं आने तक लहसुन के भावों में तेजी बनी रहेगी। होलसेल में ऊंचे भावों में लहसुन बिकने से रिटेल में भी तेजी बनी हुई है।
-दौलतराम गहलोत, होलसेल व्यापारी

इस साल लहसुन की पैदावार कम है। नई फसल की आवक नहीं होने से कुछ दिनों तक तो भाव यही रहेंगे।
- नसीम खान, व्यापारी