जनरल रावत ने रविवार को जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती चौकियों का निरीक्षण किया था। इसके बाद सोमवार को उन्होंने पूर्वी सीमा पर अरुणाचल प्रदेश व नागालैण्ड से चीन के साथ लगती एलओसी पर व्यवस्थाओं को देखा और मंगलवार को देश की पश्चिमी सरहद पर पहुंचे। जानकारों के मुताबिक जनरल जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ सीमा पार चल रही गतिविधियों को नजदीक से देख रहे हैं।
जनरल रावत ने जैसलमेर में रामगढ़ क्षेत्र स्थित सेना के एक केन्ट में जवानों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की। उसके बाद वे तनोट और किशनगढ़ बल्ज क्षेत्र में सैन्य ठिकानों का दौरा करने पहुंचे। सेनाध्यक्ष के अचानक पश्चिमी सीमा क्षेत्र में पहुंचने को सरहद पार पाकिस्तान की ओर से बढ़ी हलचलों से जोडकऱ देखा जा रहा है। थल सेनाध्यक्ष ने अपने इस दौरे के दौरान पश्चिमी क्षेत्र के चारों जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और गंगानगर के सीमाई क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया। जानकारी के अनुसार जनरल रावत ने जैसलमेर के एक सैन्य ठिकाने पर सीमा पार चल रही सैन्य हलचल के साथ भारतीय सेना की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक भी ली।
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले और एयर स्ट्राइक के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के चलते पूरे सीमा क्षेत्र में हाई अलर्ट कि या हुआ है। प्रतिरक्षा सूत्रों के अनुसार सीमा पार पाकिस्तान सेना ने रेंजर्स की वर्दी में अपने नियमित सैनिकों को भी तैनात किया हुआ है। पश्चिमी सीमा पर सोमवार को सुखोई ने भारतीय सीमा की टोह ले रहा पाक का मानव रहित विमान गिरा दिया था। वर्ष 1971 में जैसलमेर जिले के लोंगेवाला क्षेत्र से ही पाक सैनिकों ने सीमा लांघी थी, जिन्हें सेना व वायुसेना के जवानों ने मुंह तोड़ जवाब दिया था।