भूगोल टीचर के गुरु मंत्र ने दिया जिन्दगी का ध्येय : डीसीपी कपूर
जोधपुर. भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी व पुलिस उपायुक्त (पूर्व) डॉ अमनदीप सिंह कपूर स्कूली शिक्षा के दौरान भूगोल की टीचर को अपना आदर्श और इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हीं के गुरुमंत्र का प्रमुख योगदान मानते हैं। यही वजह है कि एमबीबीएस होने के बावजूद उन्होंने सिविल परीक्षा में भूगोल को एक विषय चुना और उसी की बदौलत सफल भी रहे। शिक्षक दिवस पर अपने आदर्श गुरु के संबंध में राजस्थान पत्रिका से बातचीत में वर्ष २००७ के आईपीएस अधिकारी डॉ कपूर का कहना है कि हरियाणा के एक निजी पब्लिक स्कूल में प्रथम से १२वीं तक की पढ़ाई की। फिर भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की। वे स्कूल शिक्षा के दौरान जियोग्राफी यानि भूगोल की टीचर मिसेज एस खौरा को अपना आदर्श गुरु मानते हैं। जिन्होंने कक्षा छठी से दसवीं तक उन्हें भूगोल पढ़ाया था। डॉ कपूर ने बताया कि एस खौरा की अपने विषय पर बहुत अच्छी पकड़ थी। पेचीदा से पेचीदा व उलझे टॉपिक व मुद्दों को आसानी व बहुत अच्छे तरीके से समझाती थी। उन्होंने विद्यार्थियों को एक गुरुमंत्र दिया था। जिससे उनके जीवन का ध्येय परिलक्षित होने लगा। खौरा ने उन्हें कहा कि व्हॉट यू आर? दिस इज गॉड्स गिफ्ट टू यू। व्हॉट यू मेक अप यॉर सेल्फ वुड टू बी यॉर गिफ्ट टू गॉड। यानि आप क्या हैं? यह भगवान की आप पर आशीष है। और आप भविष्य में क्या बनते हैं यह भगवान को आपका दिया तोहफा होगा। कपूर ने बताया कि टीचर का यह वो सूत्र बना। जिसे वो अपने जीवन में सबसे ऊपर मानते हैं। सबसे बड़ी देन है। उनका जीवन में इस कदर प्रभाव रहा कि डॉक्टर होते हुए भी सिविल परीक्षा में जियोग्राफी को एक विषय चुना और उसी की देन है कि आज आईपीएस हूं।
मेडिसीन व सर्जरी में एमबीबीएस कर चुके डॉ अमनदीप सिंह कपूर वर्ष २००७ के आईपीएस अधिकारी हैं। वे एसपी इंटेलीजेंस जयपुर, डीसीपी (अपराध) जयपुर, एसपी बांसवाड़ा, एसपी करौली, डीसीपी (पूर्व) जयपुर, एसपी कोटा (शहर), एसपी एसीबी (कोटा), एसपी बीकानेर रह चुके हैं।
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