विशेषज्ञों के अनुसार चांदी इस साल के अंत तक 60 हजार रुपए प्रतिकिलो का भाव छू सकती है। अगले दो महीने के दौरान चांदी 29 फीसदी रिटर्न दे सकती है। निवेश के लिए चांदी की मांग साल 2013-14 में 24 प्रतिशत थी, जो इन दिनों बढकऱ 28-30 प्रतिशत हो गई है।
फार्मा, बैटरी, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रोनिक्स समेत कम से कम 20 ऐसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र हैं, जहां चांदी की तगड़ी मांग बनी हुई है। आने वाले दिनों में चांदी की औद्योगिक मांग बढऩे की उम्मीद है, जो काफी दिनों से सुस्त पड़ी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती इसकी सबसे बड़ी वजह है। लेकिन अब हालात सुधरने लगे हैं। चीन और अमरीका के बीच तनाव कम करने को लेकर बातचीत जारी है और तेल बाजार में स्थिरता आ रही है।
1. अमरीका, तुर्की और ईरान के बीच तनाव
2. चीन के साथ अमरीका का ट्रेड वार जारी रहना
3. ब्रेग्जिट को लेकर चीजें स्पष्ट न होने से चिंता
4. ग्लोबल करेंसी का बाजार में उतार-चढ़ाव