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पीपाड़सिटी अस्पताल : आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर के उपकरणों पर जंग

locationजोधपुरPublished: Nov 15, 2019 04:01:58 pm

Submitted by:

pawan pareek

पीपाड़सिटी. राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का अभाव आम बात है। जिन सुविधाओं का उदघाटन राज्य के मुख्यमंत्रियों ने किया, विडंबना ये रही कि उनका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को नसीब ही नहीं हो सका।

Government hospital of Pipar city

पीपाड़सिटी अस्पताल : आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर के उपकरणों पर जंग

पीपाड़सिटी (जोधपुर). उपखंड क्षेत्र के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का अभाव आम बात है। जिन सुविधाओं का उदघाटन राज्य के मुख्यमंत्रियों ने किया, विडंबना ये रही कि उनका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को नसीब ही नहीं हो सका। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उद्घाटन किए भामाशाह की ओर से लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए आईसीयू वार्ड और सोनोग्राफी कक्ष के ताले ही नहीं खुले हैं।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर ने अपने शासन में रेफरल का दर्जा दे उदघाटन कर दिया, लेकिन वो सुविधा अस्पताल के द्वितीय द्वार के शिलालेख तक ही अंकित है। इसके साथ सन् 1998 में क्षेत्रीय विधायक और राज्य के चिकित्सा मंत्री रहे राजेंद्र चौधरी ने ऑपरेशन थिएटर का लोकार्पण किया जो उनके पद से हटने के बाद ताले में जकड़ गया। गत बारह वर्षों में कनिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी का पद नहीं भरा जा सका।

खोखले दावे

चुनावों के समय मे दो बार अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे ने अपने शासन में इस सरकारी अस्पताल का काया कल्प कर देने की घोषणा की लेकिन वे जुमले ही साबित हुए। चिकित्सा मंत्री रहे राजेंद्र चौधरी के जमाने में गरीब मरीजों के उपचार के लिए रामबाण रहा अस्पताल आज सुविधाओं की कमी से मरीजों में रेफरल कम और रेफर अस्पताल के रूप में बदनाम है।
विशेषज्ञों का टोटा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दूसरे घर माने जाने वाले पीपाड़सिटी अस्पताल में सर्जरी के साथ मेडिसन, गायनोलॉजी के पद पर रिक्त हैं वहीं आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर शो-पीस बनकर रह गए हैं। सन् 2007 से ऑपरेशन थियेटर और सन् 1998 से आईसीयू के उपकरणों को जंग लग गया है।
इसके साथ एक भी महिला चिकित्सा अधिकारी नहीं होने से मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं अस्पताल में लगे सरकारी होर्डिंग की ही शोभा बन रही हैं। विशेष बात ये है कि राज्य में परिवार कल्याण क्षेत्र में विशिष्ठ कार्य के लिए चार बार पुरुस्कार मिलने के बाद भी अस्पताल की न दशा और न ही दिशा सुधर सकी।
इन्होंने कहा

मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनावों में अस्पताल को क्रमोन्नत करने के चिकित्सा मंत्री को निर्देश दिए थे। इनकी पालना नहीं होने से मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

-महेंद्र सिंह कच्छवाह, पालिकाध्यक्ष पीपाड़सिटी
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चिकित्सकों की नियुक्ति हो चुकी है। अब अस्पताल को क्रमोन्नत का मामला चिकित्सा मंत्री के समक्ष पेश किया जा चुका है। इस पर शीघ्र ही निर्णय होने की उम्मीद है।
-हीराराम मेघवाल, क्षेत्रीय विधायक

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