
छात्रा को उपाधि देते हुए। फोटो- पत्रिका
राज्यपाल व कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने बुधवार को जोधपुर के एमबीएम विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में अपने उद्बोधन में इंजीनियरिंग छात्रों को जीवन की कई बड़ी सीख दी। वर्तमान में इंजीनियर के बेरोजगार होने पर भी उन्होंने बात की और छात्राें को इसका समाधान भी बताया।
बागडे बोले कि इंजीनियरिंग करने के बाद छात्र-छात्राएं नौकरी के लिए भटकते रहते हैं और नौकरी उन्हें मिलती नहीं है। उनके हाथ में केवल सर्टिफिकेट होता है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपने अंदर कौशल और कला विकसित करें। जिसके हाथ में कला है, वह कभी भूखा नहीं मरेगा।
राज्यपाल ने इंजीनियरिंग छात्रों को नौकरी ढूंढने वाले की जगह नौकरी देने वाला बनने को कहा। इसके लिए खुद का उद्योग शुरू करने की सलाह दी। उन्होंने शिक्षकों को छात्रों को तकनीकी शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा देने की बात भी कही ताकि विद्यार्थी जीवन के बाद वे समाज और देश के लिए बेहतर नागरिक बन सकें।
बागडे ने छात्र-छात्राओं से कहा कि उन्हें विवि में कदम रखते ही पहला पेड़ लगाने के साथ उसके साथ फोटो लगानी चाहिए। बीटेक के चार वर्षों में चार पौधे लग जाएंगे। बीटेक पासआउट के दौरान अंतिम फोटो में फर्स्ट ईयर में प्रवेश के समय लगाया गया पौधा विद्यार्थी की हाइट के बराबर हो जाएगा। विवि छोड़ने के 10-15 साल बाद जब वे वापस कभी आएंगे तो पौधे को पेड़ बनते देख उन्हें जीवन के खुशी के पल का अनुभव होगा।
दीक्षांत समारोह में उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य देश के लिए बेहतर नागरिक बनाना है। डिग्री कागज का टुकड़ा नहीं होकर विद्यार्थी पर किया गया समाज व देश के विश्वास का प्रतीक होता है। कुलपति प्रो. अजय शर्मा ने दीक्षांत समारोह का प्रतिवेदन पढ़ा। संचालन रजिस्ट्रार दलवीर सिंह ढड्डा ने किया।
717 स्नातक विद्यार्थियों को मिली डिग्री
117 स्नातकोत्तर को मिली डिग्री
7 पीएचडी विद्यार्थियों को मिली उपाधि
16 छात्र-छात्राओं को मिला गोल्ड मेडल
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मनीष बेनीवाल, प्रियल जैन, सलोनी अरोड़ा, नेहल शर्मा, संकल्प जांगिड़, रिया, आयुषि जैन, प्रियंका, मोहित कुमार बनाड़ा, चिराग मंगल, नितिश माली, हर्षवर्द्धन सिंह, जाहिद खान, रोहित माहेश्वरी, वीनूसा जांगिड़, आयुष टोकसिया।
Published on:
23 Jul 2025 08:20 pm
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