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राजस्थान में नया हाइकोर्ट भवन शिफ्ट होने से पहले ही इस सरकारी कॉलोनी के खुले भाग्य

locationजोधपुरPublished: Dec 04, 2019 05:40:43 pm

Submitted by:

Avinash Kewaliya

– पश्चिमी राजस्थान की सबसे बड़ी कॉलोनी में आया बूम
– विकास की राशि भी हुई खर्च
 

राजस्थान में नया हाइकोर्ट भवन शिफ्ट होने से पहले ही इस सरकारी कॉलोनी के खुले भाग्य

राजस्थान में नया हाइकोर्ट भवन शिफ्ट होने से पहले ही इस सरकारी कॉलोनी के खुले भाग्य

जोधपुर.
राजस्थान उच्च न्यायालय के झालामंड क्षेत्र स्थित नए भवन शुरू होने से पहले की कवायद दिन ब दिन तेज हो रही है। प्रशासनिक अमला साफ-सफाई व अतिक्रमण हटाने के साथ सडक़ और डिवाइडर पर रंगरोगन सहित अन्य व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने में जुटा है। हाइकोर्ट भवन की शिफ्टिंग की आहट के साथ ही करीब एक दशक से उपेक्षित विवेक विहार आवासीय योजना गुलजार हो रही है। जेडीए को पिछले छह माह में भूखंडों की नीलामी से 12 करोड़ से अधिक की कमाई हो चुकी है। आवासीय योजना में करीब इतनी ही राशि के विकास कार्यों के टैंडर भी लग चुके हैं। हाईकोर्ट शिफ्टिंग के बाद भी इस योजना में कॉर्नर प्लॉट व व्यावसायिक भूखंडों की नीलामी प्रक्रिया जारी रहेगी।
हाइकोर्ट शिफ्टिंग का ही असर है कि विवेक विहार के अलावा मुख्य सडक़ से लगे भूखण्डों की हर नीलामी को अच्छा रेस्पांस मिला है। प्रांरभिक दिनों में भूखण्डों की दर 10 हजार रुपए वर्गमीटर थी जो अब 15 हजार वर्ग मीटर तक पहुंच चुकी है।
हाउसिंग बोर्ड को कुड़ी में सफलता
आवासन मंडल ने भी हाइकोर्ट भवन के नजदीकी अपने भूखंडों की नीलामी करने की ठानी। कुड़ी क्षेत्र में 50 प्रतिशत भूखंड नीलाम हो गए।

कई कार्यालय होंगे शिफ्ट
हाईकोर्ट भवन के आस-पास एनएचएआई कार्यालय, एचपीसीएल और मिनी सचिवालय को जमीन देने की प्रक्रिया भी चल रही है।

10 करोड़ के टैंडर लगाए
इस क्षेत्र में सडक़ों की मरम्मत के साथ बिजली और पेयजल सुविधा के लिए तीन माह में 10 करोड़ से अधिक के टैंडर लगाए हैं।
अब क्या चाहता है जोधपुर
1. झालामंड क्षेत्र के आस-पास 30 से ज्यादा कॉलोनियों में वर्षों से सडक़, रोड लाइट और सीवरेज लाइन जैसी सुविधाएं नहीं है। अब उम्मीद है कि इन कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए बजट मिलेगा।
2. लंबे समय से झालामंड व आस-पास के क्षेत्र को नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने की मांग की जा रही है। नया परिसीमन हो रहा है लेकिन उसमें निगम सीमा में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं है। यदि निगम सीमा बढ़े तो इस पूरे क्षेत्र में नियमित सफाई व सीवरेज जैसी आधारभूत सुविधाएं विकसित हो सकती है।
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