एक शब्द के दिए तीन नंबर पत्रिका ने उतरपुस्किाओं की पड़ताल की तो अध्यापकों के साथ ही प्रशासन के शैक्षणिक आंकलन की पोल खुल गई। जांच में दसवीं अद्र्ववार्षिक परीक्षा में विज्ञान विषय के प्रश्न संख्या 21 में जैव विविधता के संबंध में पूछे सवाल के उतर में बिना सही जवाब दिए एक शब्द के भी 3 नंबर दे डाले। वहीं दसवीं के विद्यार्थियों द्वारा पुस्तिका पर रोल नंबर भी गलत लिखे गए, शब्दों में लिखे रोल नंबर में कई त्रुटियां मिली। प्रधानाचार्य इन्दू डीगवाल भी इस बारे मंे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। उन्होंने कहा कि विषयध्यापकों ने उनके शैक्षणिक स्तर के नंबर दिए है।
कैमरों से डर गए थे बच्चेजब प्रधानाचार्य को 50 प्रतिशत से कम परिणाम को लेकर पूछा गया तो उनका जवाब भी हतप्रभ करने वाला रहा। उनका कहना था कि विद्यालय क्षेत्र का अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्र है। वहीं परीक्षा में पहली बार लगे सीसीटीवी कैमरों से भी बच्चे डर गए और बोर्ड परीक्षा के पेपर पैटर्न को समझ नहीं पाए। उन्होंने खराब परीक्षा परिणाम को बच्चों की कमजोरी बताया। अभिभावकों ने कहा कि अद्र्ववार्षिक में बच्चे 20 में से 20 अंक लाने के बाद बोर्ड परीक्षा में कमजोर कैसे हो गए। प्रधानाचार्य ने कहा कि कैमरों को तोडऩे व बाहरी गांवों के विद्यालयों का परीक्षा केन्द्र से भी केन्द्र पर माहौल खराब रहा। दीपेन्द्रसिंह गोगादेव, तगतसिंह, राजेन्द्रसिंह, लक्ष्मणसिंह सहित कई अभिभावकों ने प्रधानाचार्य से आगामी सत्र में शिक्षण कार्य में सुधार करने की मांग की है। गौरतलब है कि विद्यालय में सत्र 2017 18 में कक्षा दसवीं में अध्ययनरत 63 में से मात्र दो विद्यार्थी ही प्रथम श्रेणी उतीर्ण हो पाए।
जांच रिपोर्ट के बाद 17 सीसी नोटिस
केतू कल्ला राउमावि में खराब परीक्षा परिणाम को लेकर जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा 17 सीसी के तहत नोटिस दिया जाएगा। वहीं विद्यालय में सत्रांक देने में नियमों की अवहेलना की शिकायत मिली है। जिसको लेकर डीईओ से बात करके उचित जांच करवाई जाएगी।
बंशीधर गुर्जर, उपनिदेशक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर जोधपुर।