छात्रसंघ एपेक्स अध्यक्ष पद के लिए 11 सितंबर को हुई मतगणना में एनएसयूआइ प्रत्याशी सुनील चौधरी को मात्र नौ मतों के अंतर से विजेता घोषित करने के बाद मामला पराजित प्रत्याशी, एबीवीपी के मूलसिंह की ओर से मतों की गिनती को लेकर आपत्ति जताई और मामला गरमा गया था। विवि के इतिहास में पहली बार ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी की 22 सितम्बर को 7.30 घण्टे चली बैठक में मूलसिंह की ओर से 20 बिंदुओं पर और छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी की ओर से मूलसिंह के नामांकन पर आपत्ति दी गई थी। कमेटी ने दोनों पक्ष की आपत्तियों की सुनवाई के बाद सोमवार को फैसला देने की बात कही थी, लेकिन कमेटी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई। कमेटी की रिपोर्ट को लेकर विवि के केंद्रीय कार्यालय में दिनभर छात्र नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। शाम को कुलपति ने छात्र नेताओं को कमेटी की रिपोर्ट एक-दो दिन में मिलने को लेकर जानकारी दी। इसके बाद छात्र नेता रवाना हुए।
मूल सिंह का जवाब
इस बीच एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मूलसिंह ने अपना लिखित जवाब कमेटी को पेश कर दिया। उन्होंने ग्रीवेंस कमेटी को बताया कि विवि में नामांकन दाखिल करने व उस पर आपत्ति देने की समय सीमा होती है। उस समय सीमा में प्रतिद्वंदी सुनील चौधरी की ओर से कोई आपत्ति पेश नहीं की गई। हालांकि ग्रीवेंस कमेटी ने छात्रसंघ चुनावों के लिए गठित लिंगदोह कमेटी की ही एक सिफारिश के आधार पर चुनाव लडऩे की अनुमति दी थी। ऐसे में अब नामांकन के संबंध में प्रश्न उचित नहीं है।