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बस एक टिफिन ने 1 लाख रुपए के इनामी हार्डकोर अपराधी विक्रमसिंह नांदिया को पहुंचाया सलाखों के पीछे, जानिए कैसे

पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने बताया कि गैंगवार के चलते एक फरवरी को चौपासनी बाइपास पर वीतराग सिटी में हिस्ट्रीशीटर राकेश मांजू पर फायरिंग की गई थी

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जोधपुर। जिला विशेष टीम (डीएसटी पूर्व) ने चौपासनी बाइपास पर वीतराग सिटी में हिस्ट्रीशीटर पर फायरिंग के मामले में 14 दिन से फरार मुख्य साजिशकर्ता व एक लाख रुपए के इनामी विक्रमसिंह नांदिया को मंगलवार को नांदिया प्रभावती गांव में टेकरी पर मंदिर से पकड़ लिया। उसके पकड़े जाते ही पुलिस ने उसके मददगार हिस्ट्रीशीटर को भी हिरासत में लिया। बोरानाडा थाना पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है।

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पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने बताया कि गैंगवार के चलते एक फरवरी को चौपासनी बाइपास पर वीतराग सिटी में हिस्ट्रीशीटर राकेश मांजू पर फायरिंग की गई थी। अधमरा छोड़ हमलावर भाग गए थे। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फायरिंग के पीछे नांदिया प्रभवती गांव निवासी विक्रमसिंह नांदिया मुख्य साजिशकर्ता है। जो फरार हो गया था। उस पर गत दिनों एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।

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डीएसटी के कांस्टेबल गिरवरसिंह व अकरम खान को विक्रमसिंह के उसके गांव में टेकरी पर स्थित भूरिया बाबा मंदिर परिसर में छुपे होने की सूचना मिली। डीसीपी पूर्व डॉ अमृता दुहन के निर्देशन में क्राइम ब्रांच के अपराध सहायक व निरीक्षक भारत रावत के नेतृत्व में पुलिस ने मंदिर की घेराबंदी की और वहां छुपे विक्रमसिंह को पकड़ लिया। पूछताछ के बाद बोरानाडा थाना पुलिस ने नांदिया प्रभावती गांव निवासी विक्रमसिंह (35) पुत्र हुकमसिंह राजपूत और फायरिंग में सहयोगी के आरोप में चौहाबो के श्रीराम नगर निवासी हिस्ट्रीशीटर दिनेश बंबानी (36) पुत्र किशनचंद को भी गिरफ्तार किया। वारदात के बाद से वह खुलेआम घूम रहा था। विक्रम ने अपने ऊपर फायरिंग का बदला लेने के लिए राकेश मांजू पर बजरंगसिंह पालड़ी, मंगलसिंह, रघुवीरसिंह, प्रकाश जाट, युवराजसिंह व अन्य से फायरिंग कराई थी।

भाई की होटल से खाना, गांव वाले कर रहे थे रैकी

डीसीपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि विक्रम सिंह के मंदिर में छुपे होने की सूचना पर गोपनीय नजर रखी गई। भाई की होटल से एक व्यक्ति सुबह व रात को टिफिन में खाना लेकर मंदिर जाता नजर आया। गांव में बंधड़ा पहाड़ी जाने वाले चारों मार्ग पर गांव के कुछ युवक खड़े रहकर पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। पुख्ता सूचना पर पुलिस ने अलसुबह मंदिर की घेराबंदी की। दोपहर में टिफिर आया तो विक्रमसिंह कमरे से बाहर आया। जिसे पुलिस ने पहचान लिया। तब छापेमारी कर उसे पकड़ लिया।

विक्रम पर 25 और बंबानी पर 10 एफआइआर दर्ज

विक्रमसिंह पर मारपीट, अवैध वसूली, तोड़-फोड़, धोखाधड़ी आदि की 25 एफआइआर दर्ज है। 19 मामले कोर्ट में लम्बित हैं। एक मामले में सजा हो रखी है। दो मामलों में दोष मुक्त, तीन मामलों में राजीनामा होने पर बरी किया गया है। वहीं, दिनेश बंबानी के खिलाफ दस मामले दर्ज हैं। चार मामले कोर्ट में लम्बित, दो मामलों में सजा, तीन मामलों राजीनामा से बरी व एक मामले में दोष मुक्त किया गया है।


दोनों गैंग में अब तक पांच बार फायरिंग

कैलाश मांजू और दिनेश बंबानी के बीच लाखों के लेन-देन का विवाद है। सुरक्षा के लिए बंबानी ने विक्रम की मदद लेनी शुरू कर दी थी। बोरानाडा क्षेत्र में विक्रम पर फायरिंग की गई थी। मांजू गैंग ने कल्पतरू के पीछे शॉपिंग मॉल के बाहर बम्बानी को गोली मारी गई थी। बंबानी के श्रीराम नगर में मकान पर भी फायरिंग किए गए थे। 11 मार्च 2021 को डाली बाई मंदिर सर्कल के पास कार में सवार विक्रम सिंह नांदिया पर राकेश मांजू ने नौ गोलियां चला दी थी। गत वर्ष दिनेश बंबानी व साथियों ने कैलाश मांजू की हत्या के लिए राजू फौजी को 80 लाख रुपए में सुपारी दी थी, लेकिन पहले बंबानी व अन्य पकड़ में आ गए थे।