लोहावट के जाटावास सरहद, हीरा-मोती नगर, तेजनगर, पश्चिमी ढाणी, देवराज नाडा, रुपाणा-जैताणा सहित आस-पास के गांवों में अलसुबह करीब 5 बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश करीब तीन घंटे चली। इससे लबालब हुए तालाब-नाडियां छलककर टूटने से बाढ़ के हालात बन गए। नदी बहने लगी। खेत जल मग्न हो गए। फसलें बह गई। पश्चिमी ढाणी के निकट भीलों की ढाणी में सुबह सवा आठ बजे किलोमीटर संख्या 111 पर दो स्थानों पर ट्रेक के नीचे से मिट्टी बह जाने से पटरियां हवा में झूल गई। पास ही एक अन्य जगह पर भी ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया। गत 27 जुलाई को भी भारी बारिश के दौरान जाटावास व रुपाणा-जैताणा की सरहद पर पश्चिमी ढाणी के निकट रेलवे ट्रेक बह जाने से चार दिन रेल यातायात ठप रहा था। सोमवार सुबह हुई तेज बरसात में फिर इसी क्षेत्र में 100 मीटर के दायरे में तीन जगहों पर पटरियां हवा में झूल गई।
यात्रियों को बसों में भेजा
साबरमती-जैसलमेर एक्सप्रेस सुबह करीब साढ़े 8 बजे लोहावट पहुंची। ट्रेक झूल जाने से उसे वहीं रोक दिया गया। बाद में रेलवे अधिकारियों ने करीब दो घंटे बाद फलोदी डिपो से रोडवेज की 9 बसें मंगवा कर ट्रेन में सवार करीब 550 यात्रियों को फलोदी, रामदेवरा, पोकरण, जैसलमेर के लिए भेजा। बसों की व्यवस्था में देरी से आक्रोशित लोगों ने रेलवे स्टेशन पर हंगामा किया। कुछ यात्री निजी वाहनों से गंतव्य के लिए रवाना हुए। साबरमती एक्सप्रेस को दोपहर करीब सवा बारह बजे वापस जोधपुर भेजा गया। जैसलमेर से आ रही एक मालगाड़ी को भी वापस शैतानसिंह नगर भेजा गया।
साबरमती-जैसलमेर एक्सप्रेस सुबह करीब साढ़े 8 बजे लोहावट पहुंची। ट्रेक झूल जाने से उसे वहीं रोक दिया गया। बाद में रेलवे अधिकारियों ने करीब दो घंटे बाद फलोदी डिपो से रोडवेज की 9 बसें मंगवा कर ट्रेन में सवार करीब 550 यात्रियों को फलोदी, रामदेवरा, पोकरण, जैसलमेर के लिए भेजा। बसों की व्यवस्था में देरी से आक्रोशित लोगों ने रेलवे स्टेशन पर हंगामा किया। कुछ यात्री निजी वाहनों से गंतव्य के लिए रवाना हुए। साबरमती एक्सप्रेस को दोपहर करीब सवा बारह बजे वापस जोधपुर भेजा गया। जैसलमेर से आ रही एक मालगाड़ी को भी वापस शैतानसिंह नगर भेजा गया।