जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त को धारा-370 हटाई गई। उस समय टिड्डी लगभग नियंत्रण में थी। इसके बाद से पाकिस्तान ने राजस्थान की सीमा से लगते रहीमयार खान, सुकुर और बहावलपुर इलाके में टिड्डी पर पेस्टीसाइड स्प्रे बंद कर दिया। जबकि भारत ने अपने क्षेत्र में टिड्डी लगातार स्प्रे जारी रखा और अण्डों से निकले हॉपर्स को वयस्क नहीं बनने दिया। पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना के सुकुर एयरबेस पर भारत को दिखाने के लिए एरियल स्प्रे किट लगा विमान खड़ा किया था। भारत को पाकिस्तान की चाल अब समझ में आई क्योंकि टिड्डी के अण्डे को वयस्क होने में एक से डेढ़ महीना लगता है।
देश में टिड्डी का इस स्तर का आउटब्रेक 1993 में हुआ था। तब कई फसलों को नुकसान पहुंचा। इसके बाद 2005 व 2010 में भी टिड्डी आई लेकिन उस समय काबू कर लिया गया था। इस समय जैसलमेर के भारेवाला, बहाला, मोहनगढ़, म्याजलार, रामगढ़, भादरिया, पोकरण, रामदेवरा, खेतोलाई, नेवास, बीकानेर के गजेवाला, भीकमपुर, जोधपुर के फलोदी, बाप व लोहावट इलाके में टिड्डी दल मौजूद हैं। गजेवाला में आठ किमी लंबा टिड्डी दल देखकर अधिकारियों की आंखें भी फटी रह गई थी।
टिड्डी पर स्प्रे के लिए मैलाथिन (96 प्रतिशत) काम में लिया जा रहा है। भारत में केवल मुंबई स्थित हिंदुस्तान इंसेक्टीसाइड लिमिटेड (एचआइएल) में इसका उत्पादन हो रहा है। अब तक 93 हजार 455 लीटर मैलाथिन खत्म हो चुका है। बुधवार रात 5 हजार लीटर का ट्रक आया और अब 6600 लीटर का ट्रक और आ रहा है। अब तक कुल 4.13 करोड़ रुपए का मैलाथिन 1 लाख, 34 हजार, 986 हेक्टेयर में स्पे्र किया जा चुका है।
जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान टिड्डी अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। टिड्डी अधिकारियों की सुविधा के लिए बीएसएफ की सीमा चौकियों पर खाने-पानी की व्यवस्था की गई है। अधिकारी व तकनीशियन बीएसएफ के कैंप में ही रात बिता रहे हैं।
भारत-पाक के टिड्डी नियंत्रण अधिकारियों की 19 सितम्बर को पाकिस्तान के खोखरापार में बैठक प्रस्तावित है। अब तक ऐसी चार बैठकें हो चुकी हैं। पाकिस्तान हर बैठक में भारतीय अधिकारियों को गुमराह कर रहा है। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के दिशा निर्देशों की पालना में होती है।
– 1 लाख, 34 हजार, 986 हेक्टेयर में अब तक पेस्टीसाइड स्प्रे
– 51 हजार, 924 हेक्टेयर में वयस्क टिड्डी पर पेस्टीसाइड स्प्रे
– 83 हजार हेक्टेयर में हॉपर्स पर किया स्प्रे
– 93 हजार, 455 लीटर मैलाथिन पेस्टीसाइड का स्प्रे
– 442.50 रुपए लीटर है मैलाथिन
– 4.13 करोड़ का मैलाथिन खत्म हो चुका है अब तक
– 45 टीमें गाडिय़ों के साथ फील्ड में कर रही स्प्रे
– 10 टीमें बीकानेर में
– 21 टीमें जैसलमेर में
– 7 टीमें फलोदी की जैसलमेर में कर रही सहायता
– 21 मई को पहली बार भारत में रिपोर्ट हुई थी टिड्डी
पाकिस्तान की ओर से सकारात्मक प्रयास नहीं करने से 20 से 25 टिड्डी दल घुस गए हैं। हमने पूरी ताकत झोंक रखी है। पेस्टीसाइड का उत्पादन लगातार किया जा रहा है। राज्य सरकार को 10 अतिरिक्त गाडिय़ां उपलब्ध करवाने के लिए कहा है। राज्य सरकार को क्लोरोपायरीफॉस जैसे आधा दर्जन पेस्टीसाइड स्वयं के स्तर पर इस्तेमाल की छूट दी है ताकि हमें कुछ मदद मिल सके।
– डॉ. केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर