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RP BOHRA/जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ. जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी ने ग्राम पंचायत सहायक भर्ती-२०१६ के मामले में सरकार के विरुद्ध तल्ख टिप्पणियां करते हुए कहा है कि लगता है सरकार बेरोजगारों को बार-बार अदालतों में जाने को मजबूर करते हुए उनके दुख को बनाए रखना चाहती है। वह अपनी कारगुजारी से बेरोजगार युवाओं को आमने-सामने करते हुए अमूल्य युवा एनर्जी को जाया भी कर रही है। जस्टिस भाटी ने याचिकाकर्ताओं को फौरी राहत प्रदान करते हुए सरकार की ओर जारी १५ सितंबर २०१७ के सर्कुलर के बाद निकाले गए सभी बर्खास्तगी आदेशों को निरस्त कर दिया है।
दरअसल, ग्राम पंचायत सहायक पद के लिए ८ नवंबर २०१६ को जारी विज्ञप्ति के तहत चयनित, लेकिन बाद में १५ सितंबर २०१७ को जारी सर्कुलर की पालना में बर्खास्त कर दिए गए कर्मचारियों की ओर से दायर याचिका का निस्तारण करते हुए आदेशानुसार जस्टिस भाटी ने कार्यरत सहायकों के बारे में यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए। साथ ही पूर्व में जिन याचिकाकर्ताओं को बर्खास्त किया था उनको सुनवाई के लिए उचित अवसर देने की प्रक्रिया संपूर्ण होने के बाद ही नई पुनर्नियुक्ति अथवा मेरिट के अनुसार नियुक्ति आदि दिए जाने की कार्यवाही करने को स्वतंत्र रहने के निर्देश दिए हैं। याचिकाए सुभाष चन्द्र व अन्य की ओर से दायर सैकड़ों याचिकाओं में अधिवक्ता केआर सहारन, कैलाश जांगिड़, तंवरसिंह राठौड़, डीएस सोढ़ा, आईआर चौधरी आदि अनेक ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एसएस लदरेचा व एसडी गोस्वामी ने पक्ष रखा।
आवारा पशुओं को पकडऩे के आदेश की नहीं हुई पालना
जोधपुर . शहर की मुख्य सड़कों और पयर्टन स्थलों पर घूमने वाले पशुओं को पकडऩे के लिए महापौर घनश्याम ओझा ने यूओ नोट जारी किया है। उन्होंने कहा कि 21 नवम्बर को यूओ नोट जारी कर आवारा पशुओं को पकडऩे के लिए दिन-रात सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद आदेश की पालना नहीं की जा रही है। उन्होंने आदेश की अविलम्ब पालना करने को कहा।
Published on:
03 Dec 2017 02:59 pm
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