यूं फैलती हैं बीमारी
पालतू जानवरों पर बैठने वाले पिस्सू के काटते ही उसके लार में मौजूद एक खतरनाक जीवाणु रिक्टशिया सुसुगामुशी इंसान के रक्त में फैलाव करता है। इसके कारण लीवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह के संक्रमण होने लगते हैं और मरीज मल्टी आर्गन डिस्आर्डर के स्टेज तक में पहुंच सकता है। ये पिस्सू पहाड़ी इलाके, जंगल व खेतों में ज्यादा पाए जाते है। पिस्सू काटने के दो हफ्ते के भीतर तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी व मांसपेशियों और शरीर में कमजोर आने लगती है। काटने वाले जगह पर फफोलेनुमा काली पपड़ी जैसा निशान दिखता है। इलाज के अभाव में रोग निमोनिया का रूप ले लेता है।
पालतू जानवरों पर बैठने वाले पिस्सू के काटते ही उसके लार में मौजूद एक खतरनाक जीवाणु रिक्टशिया सुसुगामुशी इंसान के रक्त में फैलाव करता है। इसके कारण लीवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह के संक्रमण होने लगते हैं और मरीज मल्टी आर्गन डिस्आर्डर के स्टेज तक में पहुंच सकता है। ये पिस्सू पहाड़ी इलाके, जंगल व खेतों में ज्यादा पाए जाते है। पिस्सू काटने के दो हफ्ते के भीतर तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी व मांसपेशियों और शरीर में कमजोर आने लगती है। काटने वाले जगह पर फफोलेनुमा काली पपड़ी जैसा निशान दिखता है। इलाज के अभाव में रोग निमोनिया का रूप ले लेता है।
इनका कहना बच्ची पॉजिटिव आई है। तेज बुखार व ताणे आने की समस्या लेकर बच्ची आई थी। खून की कमी व प्लेटलेट्स भी कम पाई गई। इसमें रोगी को एजिट्रोमाइसिन व डोक्सिसाइक्लिन दो तरह की एंटीबायोटिक दवा दी जा रही है। इस तरह की बीमारी के जोधपुर में बहुत कम मामले आते हैं।
– डॉ. प्रमोद शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, शिशु रोग विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
– डॉ. प्रमोद शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, शिशु रोग विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज