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पहाड़ी बीमारी का थार में प्रवेश, जोधपुर में मिला स्क्रब टायफस रोगी

locationजोधपुरPublished: Jul 05, 2020 11:51:50 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

 
 
6 साल की बच्ची आई पॉजिटिव

पहाड़ी बीमारी का थार में प्रवेश, जोधपुर में मिला स्क्रब टायफस रोगी

पहाड़ी बीमारी का थार में प्रवेश, जोधपुर में मिला स्क्रब टायफस रोगी

पत्रिका एक्सक्लूसिव

जोधपुर.़ जोधपुर में स्क्रब टायफस बीमारी का मामला सामने आया है। ये बीमारी पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा होती है। इस बीमारी का मरीज मिलने के बाद चिकित्सक भी सकते में आ गए है। ये बीमारी बहुत कम केसेज जोधपुर में आए हैं। ये रोग 6 वर्षीय बच्ची को हुआ है, जिसे उम्मेद अस्पताल भर्ती कराया गया है। बच्ची डांगियावास के निकट गांव लानेरा की है। ये बीमारी थोड़ी बहुत क्राइमिन कांगो हेमरेजिक फीवर (सीसीएचएफ-कांगो फीवर) जैसी है। जिसके गत वर्ष जोधपुर में खासे मामले सामने आए थे। समय पर परिजनों के लाने से बच्ची की हालत नियंत्रण में चल रही है। बच्ची को अस्पताल लाने के दौरान उसकी हालत बेहद गंभीर थी। शरीर में प्लेटलेट्स आदि कम हो गए थे।
यूं फैलती हैं बीमारी
पालतू जानवरों पर बैठने वाले पिस्सू के काटते ही उसके लार में मौजूद एक खतरनाक जीवाणु रिक्टशिया सुसुगामुशी इंसान के रक्त में फैलाव करता है। इसके कारण लीवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह के संक्रमण होने लगते हैं और मरीज मल्टी आर्गन डिस्आर्डर के स्टेज तक में पहुंच सकता है। ये पिस्सू पहाड़ी इलाके, जंगल व खेतों में ज्यादा पाए जाते है। पिस्सू काटने के दो हफ्ते के भीतर तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी व मांसपेशियों और शरीर में कमजोर आने लगती है। काटने वाले जगह पर फफोलेनुमा काली पपड़ी जैसा निशान दिखता है। इलाज के अभाव में रोग निमोनिया का रूप ले लेता है।
इनका कहना

बच्ची पॉजिटिव आई है। तेज बुखार व ताणे आने की समस्या लेकर बच्ची आई थी। खून की कमी व प्लेटलेट्स भी कम पाई गई। इसमें रोगी को एजिट्रोमाइसिन व डोक्सिसाइक्लिन दो तरह की एंटीबायोटिक दवा दी जा रही है। इस तरह की बीमारी के जोधपुर में बहुत कम मामले आते हैं।
– डॉ. प्रमोद शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, शिशु रोग विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज
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