अनेक भाषाओं के शब्द हिन्दी में समाहित है। हिन्दी भाषा की सरल सुगमता के कारण विदेशों में भी इसका प्रयोग बढ़ रहा है। अतिथि डॉ. डीडी ओझा ने कहा कि विज्ञान का लाभ तभी होगा जब उसके प्रकाशन आमजन की हिन्दी भाषा में हो। कार्यक्रम अध्यक्ष एवं काजरी निदेशक डॉ. ओपी यादव ने कहा कि विश्व के विभिन्न देश भारत को एक बड़े बाजार के रूप में देखता है। कम्प्यूटर एवं सूचना तकनीकी के माध्यम से विश्व भर में हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार तीव्रता से बढ़ रहा है।
हिन्दी में व्यक्ति अपने मन की बात अच्छी तरह साझा कर सकते हैं। काजरी उप-निदेशक (राजभाषा) मधुबाला चारण ने कहा कि अपने भावनाओं, विचारों की सही अभिव्यक्ति हिन्दी में ही संभव है। हिन्दी के अधिकतम प्रयोग पर बल दिया तथा हिन्दी सप्ताह कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। हिन्दी प्रभाग के प्रभारी डॉ. आरके कौल ने कहा कि हिन्दी भाषा में देश को एकता, भाईचारा बढ़ाने एवं सशक्त करने की क्षमता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की छात्रा मारूख आरजू, सीमा राठौड़, राधिका वैष्णव, अनिता मालवीय ने कविताएं प्रस्तुत की