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पीडि़त मूक-बधिक की आखिर मानवाधिकार आयोग ने सुनी आवाज

locationजोधपुरPublished: Feb 26, 2021 11:49:57 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

 
-राजस्थान पत्रिका की खबर के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग का प्रसंज्ञान
-4 मार्च तक मांगी तथ्यात्मक टिप्पणी

पीडि़त मूक-बधिक की आखिर मानवाधिकार आयोग ने सुनी आवाज

पीडि़त मूक-बधिक की आखिर मानवाधिकार आयोग ने सुनी आवाज

जोधपुर. एक मूक-बधिर के बहरेपन की रिपोर्ट को लेकर पिछले लम्बे समय से चली आ खींचतान के चलते आखिर मानवाधिकार आयोग ने उसकी आवाज सुन ली है। आयोग ने ‘राजस्थान पत्रिकाÓ की खबर पर प्रसंज्ञान लेते हुए इस मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट 4 मार्च तक मांगी है।
पाली एसीबी में एडिशनल एसपी नरपतचंद के पुत्र कैलाशचंद को यूडीआइडी कार्ड की जरुरत है। एमडीएम अस्पताल के इएनटी विभाग की ऑडियोलॉजी विंग बार-बार उसे 8 और 14 प्रतिशत ही गूंगा-बहरा बता रही है। जबकि एम्स जोधपुर व एसएमएस जयपुर उसे 90 फीसदी तक दिव्यांग बता रहा है। एएसपी के पुत्र के बार-बार जांच करने से उसके कानों में सूजन आ गई है। मूक-मधिर की इस पीड़ा को पत्रिका ने 24 फरवरी के अंक में ‘ ये कैसी रिपोर्ट: एमडीएम ने जिसे बताया 08-14 फीसदी गूंगा-बहरा, वहीं एम्स व एसएमएस में निकला 90 फीसदीÓ शीर्षक से प्रकाशित किया।
इसके बाद मूक-बधिर के पिता नरपतचंद की राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजी गई इस शिकायत के बाद आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने शुक्रवार को प्रसंज्ञान ले लिया। इस मामले में जिला कलक्टर इंद्रजीतसिंह, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. जीएल मीणा व एमडीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ. महेन्द्र कुमार आसेरी को तलब करते हुए जांच कर पत्रावली पेश करने के लिए कहा। साथ ही कहा कि आगामी तारीख पेशी से पूर्व तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग के अवलोकनार्थ पे्रषित की जाए।
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