8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

टायर पर छुपी है ये महत्वपूर्ण जानकारी, चलाने से पहले एक बार देख लेंगे तो कभी नहीं होगा एक्सीडेंट

Tire safety tips : देश में कारों और स्पोर्ट्स व्हीकल की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

2 min read
Google source verification

जोधपुर. देश में कारों और स्पोर्ट्स व्हीकल की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन गाड़ियों के टायर के बारे में अधिक जानकारी नहीं होने की वजह से कई बार सड़क दुर्घटनाएं हो जाती हैं। सभी टायरों पर स्पीड रेटिंग अंकित रहती है, उसी के अनुसार सड़क पर गाड़ी भगाई जा सकती है। ज्यादातर ड्राइवर को इसके बारे में जानकारी नहीं होने पर टायर गर्म होने, टायर का प्रेशर बढ़ने से टायर के फटने की आशंका रहती है।

देश में पैसेंजर व्हीकल पर टायर रेटिंग भी अंकित रहती है यानी बस को 150 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर नहीं भगाया जा सकता। वहीं, सामान्य सिडान कारों पर 'एच' रेटिंग के टायर आते हैं, जिनकी अधिकतम गति सीमा 210 किमी/घंटा जा सकती है। लग्जरी कारों में रेटिंग 'वाई' तक होती है, जो 300 किमी/घंटा तक भगाई जा सकती है।

टायर पर रहती है जानकारी

टायर की साइडवाल यानी किनारे पर टायर के बारे में एक सीरिज में जानकारी रहती है।

उदाहरण के तौर पर 255/55R16, 90H लिखा है तो यह टायर की साइज के बारे में बताता है।

यहां,

255 टायर की चौड़ाई है जो मिलीमीटर में है। 55 आस्पेट रेशियो है जो टायर के साइडवाल की ऊंचाई को चौड़ाई के प्रतिशत के रूप में बताते हैं।

R का अर्थ टायर के रेडिअल कंस्ट्रेक्शन से है।

16 का अर्थ व्हील की चौड़ाई है जो इंच में है।

देश में ग्रामीण सड़कें, स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवे, एक्सप्रेस - वे जैसी सड़कें हैं, जिन पर संबंधित वाहनों की गति सीमा निर्धारित है। टायर निर्माता कम्पनियां लोड, हीट, प्रेशर देखकर अधिकतम स्पीड रेटिंग तय करती है। वर्तमान में 'एच' रेटिंग सबसे कॉमन है। - संजय गुप्ता, टायर एक्सपर्ट

यह भी पढ़ें : हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर लगाए बड़े आरोप, आज ED दफ्तर के बाहर करेगी धरना-प्रदर्शन