scriptorganic farming— ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव व रसायन के प्रयोग से इम्यूनिटी हुई कमजोर | Immunity weakened due to increasing effects of global warming | Patrika News

organic farming— ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव व रसायन के प्रयोग से इम्यूनिटी हुई कमजोर

locationजोधपुरPublished: Jul 02, 2020 03:21:57 pm

Submitted by:

Amit Dave

– जैविक खेती अपनाकर किसान आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ प्रकृति को भी बचा सकेंगे
– भारतीय किसान संघ ने ‘रसायनमुक्त कृषि’ अभियान चलाकर 400 गांवों के 50 हजार से अधिक किसानों को जोड़ा

organic farming--- ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव व रसायन के प्रयोग से इम्यूनिटी हुई कमजोर

organic farming— ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव व रसायन के प्रयोग से इम्यूनिटी हुई कमजोर

जोधपुर।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में परिवर्तन व रसायन के प्रयोग से उत्पादित खाद्यान्न के प्रयोग से घटती इम्युनिटी पॉवर के कारण प्राकृतिक खेती के महत्व को बढ़ाया है। इसी कारण केंद्र व राज्य सरकार के साथ स्वयंसेवी संस्थाएं व किसान संगठन भी किसानों को पुन: प्राकृतिक खेती अपनाने हेतु प्रेरित कर रहे है। वैश्विक रूप से ऑर्गेनिक फ ार्मिंग की ओर बढ़ते रुझान व पश्चिमी राजस्थान में इस पद्दति की अपार संभावनाओं ने जिले के किसानों में जैविक कृषि पद्दति अपनाने की ओर प्रोत्साहित किया है। जैविक खेती से किसान न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में बल्कि प्रकृति को बचाने में सफल होंगे।

भारतीय किसान संघ ने चलाया ‘रसायनमुक्त कृषि’ अभियान

जोधपुर जिले में इस अभियान को 2014 में गति मिली, जब भारतीय किसान संघ ने जिले के प्रत्येक गांव तक जाकर जैविक कृषि के प्रति जागरुकता यात्रा चलाई। ‘रसायनमुक्त कृषि’ नाम से चले इस अभियान से 400 गांवों के 50 हजार से अधिक किसान जुड़े। जिन्होंने पूर्ण जैविक पद्दति अपनाने का संकल्प लिया तथा संगठन की ओर से इनमें से 4 हजार किसानों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया।

जिले में 8 लाख हेक्टेयर भूमि रसायनमुक्त

जिले में 14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में से 8 लाख से अधिक क्षेत्र में कभी रसायन का उपयोग नही किया गया। 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नाममात्र के रसायन का प्रयोग किया गया है। शेष 4 लाख हेक्टेयर में से अधिकांश सिंचित क्षेत्र है, जिसे तीन वर्ष में वैकल्पिक जैविक खादों के प्रयोग से पूर्ण जैविक में बदल सकते है।

जैविक पद्दति अपनाकर ही किसान बाजार आधारित खेती को पुन: खेत आधारित बनाकर आर्थिक रूप से लाभकारी बना सकता है। भारतीय किसान संघ इसके लिए लगातार प्रयासरत् है।

रतनलाल डागा, राष्ट्रीय जैविक प्रमुख
भारतीय किसान संघ

रसायनमुक्त कृषि अभियान सफल रहा, किसानों ने रुचि दिखाई। अब एक किसान के माध्यम से दूसरे किसान तक अभियान चल रहा है। जो अन्य किसानों को जैविक खेती के लिए जागरुक व प्रेरित कर रहे है।
तुलछाराम सिंवर, प्रांत प्रचार प्रमुख

भारतीय किसान संघ —

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो