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डेंगू का प्रकोप बढऩे के साथ ही आसमान चढऩे लगी पपीते की डिमांड, 80 से 100 रुपए किलो तक बिक रहा

locationजोधपुरPublished: Oct 23, 2019 02:55:26 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

डेंगू के डंक से आहत मारवाड़ के लोगों को राहत पहुंचाने में मददगार साबित हो रहा पपीता अब आसमान पर जा चढ़ा है। अमूमन 30 से 40 रुपए प्रतिकिलो की दर से बाजार में बिकने वाला पपीता वर्तमान में 100 रुपए पर जा पहुंचा है।

increase in papaya rates after dengue fever attack in rajasthan

डेंगू का प्रकोप बढऩे के साथ ही आसमान चढऩे लगी पपीते की डिमांड, 80 से 100 रुपए किलो तक बिक रहा

जोधपुर. डेंगू के डंक से आहत मारवाड़ के लोगों को राहत पहुंचाने में मददगार साबित हो रहा पपीता अब आसमान पर जा चढ़ा है। अमूमन 30 से 40 रुपए प्रतिकिलो की दर से बाजार में बिकने वाला पपीता वर्तमान में 100 रुपए पर जा पहुंचा है। डेंगू रोगी की प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक पपीता आमजन की पहुंच से दूर होता जा रहा है। पपीता के दाम बढऩे का कारण इसकी आवक कम होना व डेंगू बीमारी बताई जा रही है।
फल विक्रेताओ के अनुसार जोधपुर में प्रमुखतया जालोर व जोधपुर जिले के रामपुरा, तिंवरी व मथानिया क्षेत्रों से देशी पपीता आता है। इन क्षेत्रों से पपीता की आवक बंद हो गई है। गत बारिश की सीजन में अधिकांश पपीता की फसल खराब हो गई। इसका प्रभाव गुजरात से आने वाली पपीता की फसल पर पड़ा और वर्तमान में आ रही फसल की आवक कम हो गई। बाजार में कम आवक व ज्यादा खपत के कारण 30 से 40 रुपए बिकने वाला पपीता इन दिनों 80 से 100 रुपए किलो तक बिक रहा है।
तीन गुना कम हुई आवक
बारिश से नष्ट हुई फसल का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्तमान में पपीता की आवक तीन गुना कम हो गई है। फल विक्रेताओं के अनुसार जहां 2-3 माह पूर्व पपीता की प्रतिदिन आवक करीब 60 टन हुआ करता था, वहीं अब पपीता एक दिन छोडकऱ आ रहा है। वर्तमान में पपीता करीब 20 टन आ रहा है।
डेंगू उपचार में सहायक
पाचन के लिए जिस फल का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है वह पपीता है। डेंगू बीमारी जो कि एक प्रकोप के रूप में मारवाड़ में फैल रही है, उसमें भी इस फल का बहुतायत में उपयोग किया जाता है। लेकिन पिछले करीब एक माह से इस फल के दाम आसमान छू रहे हैं। डेंगू बीमारी के रोगियों को पपीता, पपीता के पत्तों का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
इनका कहना है
बारिश से पपीता उत्पादन क्षेत्रों मे फसल खराब हो गई है। आवक कम होने से पपीता के भाव तेजी पर है। दीपावली के बाद नई आवक से भावों में कमी आने की उम्मीद है।
मो. इकबाल, फल विक्रेता
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