24 घंटे चार्ज हो जाते हैं राष्ट्र संत ने कहा कि अगर रखेंगे प्रभु पर आस्था तो बंद द्वारों में भी खुल जाएगा रास्ता। प्रभु स्मरण तो अमृत पान की तरह है। जो मात्र 24 मिनट प्रभु का सच्चे दिल से स्मरण करता है उसके 24 घंटे चार्ज हो जाते हैं।
धर्मदूत आते हैं संत प्रवर ने कहा कि हमें सुबह की शुरुआत प्रभु सुमिरन से करनी चाहिए। जो प्रभु का स्मरण करता है उसका कभी मरण नहीं होता है, ऐसे भक्तों को अंत समय में लेने के लिए यमदूत नहीं, धर्मदूत आते हैं।
देवालय बना देती है उन्होंने कहा कि प्रार्थना और भक्ति में गजब की शक्ति होती है। प्रार्थना अगर पानी के साथ जुड़ जाए तो उसे चरणामृत बना देती है, प्रार्थना भोजन के साथ जुड़ जाए तो उसे प्रसाद बना देती है और प्रार्थना अगर परिवार में आ जाए तो उसे भी देवालय बना देती है।
परमात्मा साकार होता हुआ नजर आता है संत प्रवर ने कहा कि प्रभु को हमारे सिक्के नहीं, हमारा समर्पण चाहिए। जिनके दिल में श्रद्धा नहीं होती, उन्हें परमात्मा में भी पत्थर नजर आता है और जो भक्ति भरे ह्रदय से प्रतिमा में एकमेक हो जाते हैं उन्हें पत्थर में भी परमात्मा साकार होता हुआ नजर आ जाता है।
कब साथ छूट जाए इस जिंदगी का उन्होंने कहा कि जो आंख प्रभु का दर्शन करे, जो शीष प्रभु को वंदन करे, जो मुख प्रभु का सुमिरन करे, जो हाथ प्रभु की पूजा करे, वह धन्य है। आनंद लूट ले प्रभु की बंदगी का, पता नहीं कब साथ छूट जाए इस जिंदगी का।
मीराबाई बनना ज्यादा पसंद करूंगा संत प्रवर ने प्रभु से लगन लगाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि लगन लग जाए तो शबरी के द्वार पर राम, द्रौपदी के द्वार पर कृष्ण, चंदनबाला के द्वार पर महावीर और मीरा के द्वार पर मोहन खुद चले आते हैं। कलयुग में मीरा की भक्ति सभी भक्तों के लिए आदर्श है। मैं अगले जन्म में राष्ट्रसंत बनने की बजाय मीराबाई बनना ज्यादा पसंद करूंगा।
मन में भी कचरा हो जाता है उन्होंने सत्संग करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि उन्नत समाज का निर्माण करना है तो रोज सत्संग कीजिए। कुसंग जहां सज्जन को भी दुर्जन बना देता है वहीं सत्संग दुर्जन को सज्जन बना देता है। मन की गंदगी को साफ करने के लिए रोज सत्संग की झाड़ू लगाना चाहिए। जैसे घर में रोज झाड़ू न लगाएं तो कचरा हो जाता है, वैसे ही रोज सत्संग न करें तो मन में भी कचरा हो जाता है।
सभी श्रद्धालु झूम उठे उन्होंने प्रभु सुमिरन, सत्संग के साथ प्रतिदिन स्वाध्याय व साधना करने और संयममय जीवन जीने की प्रेरणा दी। प्रवचन के दौरान जब संतप्रवर ने ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन, वह तो गली-गली प्रभु गुण गाने लगी…भजन गाया तो सभी श्रद्धालु झूम उठे।
उनका अभिनंदन किया प्रवचन में दीप प्रज्वलन शंकरलाल छाजेड़, रूपसिंह राजपुरोहित, पंजाब के कुलदीपसिंह, अशोक कु मार, मनजोत सिंह, किशोरलाल मोहनोत व जे एल राठी ने किया। चातुर्मास लाभार्थी सुखराज मेहता व नीलम मेहता ने अतिथियों को साहित्य देकर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम में मंच संचालन अशोक पारख ने किया।
सुबह 8.45 बजे प्रवचन
चातुर्मास समिति के नवरतन मानधना ने बताया कि रविवार को संत ललितप्रभ गांधी मैदान में सुबह 8.45 बजे बिखरे परिवार और समाज में कैसे लाएं प्रेम और एकता विषय पर जनमानस को संबोधित करेंगे।
रात्रि 8 बजे होगी भजन संध्या
संतों के सान्निध्य में रात्रि 8 से 10 बजे तक गांधी मैदान में विशेष भजन संध्या का आयोजन होगा। इसमें देश के लोकप्रिय प्रसिद्ध गायक राजीव विजयवर्गीय और डॉ सीमा दफ्तरी जयपुर अपने मधुर स्वर में भजनों की प्रस्तुति देंगे।