
सीमा पर तैनात जवान। पत्रिका फाइल फोटो
जोधपुर। भारत ने 15 अगस्त के बाद अब दिवाली पर भी पाकिस्तानी रेंजर्स को मिठाई नहीं दी। गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि इस वर्ष दिवाली के अवसर पर भी सीमा पर मिठाई का पारंपरिक आदान-प्रदान नहीं किया जाएगा। आदेश के बाद राजस्थान बॉर्डर पर भी मिठाई नहीं बांटी गई। प्रदेश के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर जिले से लगने वाली पाक सीमा पर बीएसएफ जवानों ने पाकिस्तानी रेंजर्स का मुंह मिठा नहीं कराया।
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से यह परंपरा रही है कि राष्ट्रीय पर्व और प्रमुख धार्मिक त्योहारों पर दोनों देशों के जवान सीमा पर एक-दूसरे को मिठाई भेंट करते हैं। भारत की ओर से सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान की ओर से रेंजर्स इस परंपरा को निभाते रहे हैं। लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद तय किया कि 15 अगस्त को मिठाई नहीं दी जाएगी।
अब इसी नीति को आगे बढ़ाते हुए दिवाली पर भी मिठाई न देने का निर्णय लिया गया है। सरकार और सेना का संदेश स्पष्ट है कि जब तक सीमा पार से आतंकवाद जारी रहेगा, तब तक मिठाई और शुभकामनाओं का यह प्रतीकात्मक आदान-प्रदान नहीं होगा। इस खबर को राजस्थान से जोड़कर बनाए
भारत और पाकिस्तान के जवान आपसी सौहार्द के उद्देश्य से होली, दिवाली, ईद जैसे अवसरों पर मिठाई का आदान-प्रदान करते रहे हैं। वहीं पाकिस्तान अपने स्वतंत्रता दिवस, मीठी ईद और ईद-उल-अजहा पर भारतीय जवानों को मिठाई खिलाता रहा है।
हालांकि यह परंपरा पिछले कुछ वर्षों से अनियमित हो गई है। वर्ष 2019 में पुलवामा हमले के बाद भी भारत ने पाकिस्तान को मिठाई नहीं भेजी थी। इसके बाद जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई, तब पाकिस्तान ने विरोध में बीएसएफ द्वारा भेजी गई मिठाई स्वीकार करने से मना कर दिया था। अब दिवाली पर भी मिठाई नहीं भेजने के फैसले से यह संकेत गया है कि भारत ने इस परंपरा को फिलहाल स्थगित कर दिया है और आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त रुख को बरकरार रखा है।
Published on:
21 Oct 2025 09:52 am
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