ट्रेनें व स्टेशन पहले ही ठेके पर
रेलवे निजीकरण की राह पर है। रेलवे ने हाल ही में देश की 150 ट्रेनों व 50 स्टेशनों का संचालन आइआरसीटीसी को सौंप चुका है। वहीं जिन विभागों में कर्मचारियों की कमी है, वहां पर ठेके के कर्मचारियों को नियुक्त किया जा चुका है। जोधपुर में स्टेशन की सफाई, रनिंग रूम का रखरखाव, टे्रनों में लिनन वितरण, पेन्ट्री कार, पार्सल गोदाम में पार्सल लोड-अनलोड आदि ठेके पर दिए जा चुके हैं।
– इस वर्ष रेलवे देशभर में 3 लाख कर्मचारियों को घर भेजेगी। इसके लिए मापदण्ड भी तय किए हैं। रेलवे बोर्ड ने देश सभी जोनल मुख्यालयों को पत्र जारी कर वर्ष 2019-20 से 2020-30 की अवधि में रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों की डिटेल मांगी है।
– जिन कर्मचारियों की 33 साल की सेवा हो चुकी है, या वे 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके है या दोनों में से एक शर्त पूरी कर चुके हो, ऐसे कर्मचारियों को सेवामुक्त किया जाएगा।
जिन कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप है या वे काम में कोताही बरत रहे है, रेलवे बोर्ड ने इसकी भी जोन मुख्यालयों के माध्यम से सभी मण्डल मुख्यालयों से डिटेल मांगी है। ऐसे कर्मचारियों को रेलवे 30 साल की सर्विस व 55 वर्ष की आयु पूरी करने या दोनों में से एक शर्त पहले पूरी होने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की तैयारी कर रहा है।
रेलवे कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रहा है। इस योजना से रेलवे को नुकसान होगा। ऐसे निर्णय से पहले रेलवे को पुनर्विचार करना चाहिए।
मनोजकुमार परिहार, मण्डल सचिव, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉयज यूनियन, जोधपुर
अजय शर्मा, मण्डल सचिव, उत्तर पश्चिम रेलवे संघ, जोधपुर