आदेश के अनुसार जुर्माना राशि शर्मा के वेतन से वसूली जाएगी और विधिक सेवा सहायता अधिकरण में जमा कराई जाएगी। यह आदेश रिको औद्योगिक केन्द्र (बोरानाडा) में संचालित फर्म डेनियल फर्निचर्स की याचिका स्वीकार करते हुए दिए।
हाईकोर्ट ने आदेश में अप्रार्थी मदरसा बोर्ड की ओर से याचिकाकर्ता के नाम गत 1 व 16 फरवरी को जारी आदेश निरस्त करने के साथ ही याचिकाकर्ता की ओर से पेश की गई तकनीकी बिड के आधार पर प्रक्रिया जारी रखते हुए वर्कऑर्डर जारी करने के निर्देश दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आरएस सलूजा ने कहा कि मदरसा बोर्ड ने 22 दिसम्बर 2016 को 34 हजार, 451 डयूल डेस्क बैंच की सप्लाइ्र के लिए टेंडर जारी किए थे। बाद में बैंच की संख्या 50 हजार से अधिक कर दी गई। दो बार जारी प्रक्रिया में कोर्ट के आदेश से तीन अधिकारियों की समिति गठित कर उद्योग विभाग में पंजीकृत फर्मों को ही वर्कऑर्डर जारी करने का मार्गदर्शन दिया गया।
लेकिन समिति के सदस्य, उद्योग विभाग में उपनिदेशक ने प्रक्रिया की शर्तो में बदलाव किया और सेंट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआइपीईटी) से मार्गदर्शन प्राप्त कर उसके अनुसार राज्य से बाहर की कंपनी में रूचि दिखाई।
सलूजा ने कहा कि शर्मा के खिलाफ पूर्व में भी एसीबी में एफआइआर दर्ज है। एएजी केएल ठाकुर ने इसे स्वीकार किया और शर्मा के बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की।