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Inflation: महंगाई की मार, 100 रुपए की थाली अब 140 की हुई

locationजोधपुरPublished: May 18, 2022 07:06:48 pm

– दो साल में सर्वाधिक बढ़ी महंगाई, इकोनॉमिक रिकवरी के कारण 8 साल में उच्चतम स्तर पर पहुंची महंगाई दर, 7.79 फीसदी मुद्रास्फीति- 600 रुपए का सिलेण्डर 1000 रुपए, 60 रुपए लीटर डीजल अब 100 रुपए लीटर- 500 रुपए में आने वाली सब्जियां अब 750 रुपए में- 1500 का किराणा अब 2050 रुपए में

Inflation: 100 रुपए की थाली अब 140 रुपए की

Inflation: 100 रुपए की थाली अब 140 रुपए की

गजेंद्र सिंह दहिया

जोधपुर. कोरोना काल के बाद खाद्य पदार्थों में बढ़ी महंगाई ने लोगों की कमर तोडक़र रख दी है। अप्रेल 2020 में खाने की थाली जो 100 रुपए में पड़ती थी, आज वह 140 रुपए की हो चुकी है। खाद्य पदार्थों का ट्रांसपोर्ट, खाना पकाने की रसोई गैस, खाद्य तेल, दालें, गेहूं, मसाले, शक्कर, चाय पत्ती सब कुछ 10 से 40 फीसदी तक महंगा हो गया है। सर्वाधिक कीमतें घरेलू गैस की बढ़ी है। वर्ष 2020 में घरेलू गैस का सिलेण्डर करीब 600 रुपए का था जो अब 1000 रुपए का पार कर गया है। सरकार ने कोरोना के समय मई 2020 में ही घरेलू गैस पर सब्सिडी खत्म कर दी थी। डीजल भी इतना ही महंगा हुआ है। कोरोना के दौरान एक लीटर डीजल की कीमत औसतन 60 रुपए थी जो अब 100 रुपए हो गई है। हाल ही में जारी महंगाई के आंकड़ों के अनुसार अप्रेल में मुद्रास्फीति की दर 7.79 प्रतिशत पहुंच गई। मार्च में यह6.95 प्रतिशत थी। महंगाई ने आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले 2014 में महंगाई दर आठ प्रतिशत के ऊपर पहुंची थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक पॉलिसी के अनुसार महंगाई दर 2 से 6 फीसदी के मध्य रहनी चाहिए।
सब्जी का तडक़ा व छोंक महंगा
वर्ष 2020 से अब 2022 के मध्य मसाले भी महंगे हो गए हैं। सर्वाधिक महंगा खाद्य तेल हुआ है। सोयाबीन का एक लीटर का तेल जो 100 रुपए का था अब 170 का मिल रहा है। लाल मिर्च, हल्की, धनिया, हींग, जीरा, राई सब कुछ महंगा है। चटपटी, मसालेदार सब्जी बनाने के लिए भी जेब की तरफ देखना पड़ता है।

खाद्य तेल/मसाला— वर्ष 2020– वर्ष 2022
सोयाबीन ——- 100 ——-170
मूंगफली ——- 130 ——- 200
सरसो तेल——-135 ——-200
लाल मिर्च——-160 ——- 250
हल्दी ——- 120 ——- 160
धनिया ——- 120 ——- 180
जीरा ——- 180 ——- 280
राई ——- 80 ——- 120
हींग ——- 200 ——- 300
सभी कीमतें प्रति किलो/प्रति लीटर है। हींग के दाम प्रति 100 ग्राम है।
तरी वाली दाल व फ्राई वाले चावल भी कुछ महंगे
दाल/चावल——-वर्ष 2020——- वर्ष 2022
बासमती चावल——- 80 ——- 100
चावल हाईकिंग——-90 ——- 110
मूंग दाल ——- 80 ——- 90
मसूर दाल——- 75 ——- 90
चना दाल——-60 ——- 70
उड़द दाल——-90 ——- 110
अरहर दाल——-95——- 110
मोगर ——- 85 ——- 95
काबुली चना——-100——-125
चंवला ——- 80 ——- 90
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दाल के साथ रोटी भी महंगी, घी लगाने का खर्चा अलग
दालों के साथ गेहूं की रोटी भी महंगी हो गई है। दो साल पहले 20-22 रुपए किलो मिल रहा गेहूं इस बार 28-30 रुपए किलो है। 25 रुपए का आटा अब 30-32 रुपए किलो है। उस समय एक लीटर घी 380 रुपए का था जो अब 500 रुपए का हो गया है।
माचिस की तिली के दाम दुगुने
रसोई गैस के साथ माचिस की तिली के दाम भी दुगुने हो गए हैं। माचिस की डब्बी जो पहले एक रुपए की थी जो अब दो रुपए की हो गई है। सालों बाद माचिस के दाम बढ़े हैं।
लंच के साथ ब्रेक फास्ट महंगा, 2 बिस्किट कम हुए
लंच-डीनर के साथ बे्रकफास्ट भी काफी महंगा हो गया है। दो साल पहले चाय पत्ती 200-300 रुपए किलो थी जो अब 280 से 400 रुपए है। शक्कर 36 रुपए से बढक़र 40 रुपए, काली मिर्च 550 से बढक़र 740 रुपए, पोआ 40 से बढक़र 50 रुपए, सूजी 35 से बढक़र 38 रुपए, कच्ची मूंगफली 100 से बढक़र 120 रुपए हो गई है। सामान्य बिस्किट का पैकेट अब भी 5 रुपए का है लेकिन इसका वजन 70 ग्राम से कम करके 50 ग्राम कर दिया गया। बेसन 65 रुपए से बढक़र 75 व मेदा 25 से बढक़र 32 रुपए किलो हो गया है।
खाने के साथ भुजिया-पापड़ लेना आसान नहीं
मारवाड़ में खाने के साथ नमकीन व पापड़ साथ लेकर खाने की भी परंपरा है। खाने की थाली में ये भी महंगे हो गए है। नमकीन भुजिया की कीमत 150 रुपए से बढक़र 200 रुपए और चार सौ ग्राम पापड़ के पैकेट की कीमत 100 से बढक़र 110 हुई है।
अधिकांश सब्जियां औसतन 50 रुपए किलो
सब्जी——- वर्ष 2020——-2022
टिण्डा ——- 38 ——- 60
करेला ——- 40 ——- 55
लौकी ——- 35 ——- 52
बेंगन ——- 20 ——- 35
अरवी ——-50 ——- 65
फूलगोभी—– 50 ——- 70
पत्तागोभी —– 30 ——- 50
हरी मिर्च ——-40 ——- 55
भिण्डी ——- 60 ——- 80
प्याज ——- 13 ——- 15
आलू ——- 15 ——- 20
तुरई ——- 50 ——- 64
पालक —— 40 ——- 50
टमाटर ——- 20——- 50

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