— उपभोक्ताओं पर दोहरी मार सब्जियों की कीमत में आई महंगाई से उपभोक्ता पर दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर जहां पेट्रोल-डीजल से परिवहन और अन्य उत्पाद महंगे हो गए है, वहीं अब सब्जी की कीमतों में इजाफे से बचत पर सीधा असर पड़ा है। मानसून सीजन में कीमतों में इजाफा जारी रहने की पूरी संभावना है। कारोबारियों का कहना है कि अन्य राज्यों से आने वाली फल-सब्जियों की कीमतों में तेजी परिवहन शुल्क बढऩे से है।
— कीमतों में तेजी जारी रहेगी फल-सब्जियों के थोक कारोबारियों के अनुसार सब्जी की कीमतों में तेजी का दौर जारी रह सकता है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से सब्जियां महंगी हो गई है। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है।
—- आज से एक माह पहले सब्जियों की कीमत (होलसेल भाव प्रति किलो में ) सब्जी– 29 जून– 25 मई आलू– 21-23 — 12-15 प्याज- 13-15 — 10-12 टमाटर 50-55 — 15-20
मिर्च 13-15 — 8-10 भिंडी 30-32 — 18-20 लहसुन 70-72 — 45-50 लौकी 15-20 —- 10-12 स्त्रोत– भदवासिया सब्जी मंडी ——————————— गर्मी के कारण सब्जियों की आवक कम है। लोकल सब्जियों का उत्पादन कम व मंडियों में आवक भी कम है। अभी सब्जियां बाहर से आ रही है, इसलिए ट्रांसपोर्ट खर्च ज्यादा होने के कारण सब्जियों के भाव तेज है।
घनश्याम गहलोत,अध्यक्ष फल-सब्जी दलाल संघ —- आम आदमी की रसोई सब्जियां महंगी होने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। घर में प्रतिदिन सब्जी बनती थी, अब दो दिन में एक बार सब्जी बनानी पड़ रही है।
रेशमबाला, नौकरी-पेशा —- रसोई की शान कहे जाने वाले आलू-प्याज-टमाटर आदि सब्जियों के भाव तेज हो गए है। भाव तेज होने के कारण सब्जियां थाली से दूर होती जा रही है। निशा गौड़, गृहिणी