— हर जीपीएस का अलग कोड रेलवे द्वारा इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों को जीपीएस उपलब्ध करवाए गए है। जिसमें प्रत्येक जीपीएस का अलग कोड है, जो मेट के माध्यम से पेट्रोलिंग पर रवाना होने से पहले गेंगमैन या कीमैन को दिया जाएगा और उसका नंबर कंट्रोल रूम को नोट करवाए जाएगा। पेट्रोलिंग के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी नजर आने पर गेंगमैन कंट्रोल रूम को सूचना देगा। इससे कंट्रोल रूम को पता यह चल जाएगा कि मैसेज किस सेक्शन व किस गेंगमैन द्वारा किया गया है। गेंगमैन को दिए जीपीएस में 3 बटन लगे हुए है। जिसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर पेट्रोलिंगमैन, कंट्रोल रूम व एक संबंधित अधिकारी के लिए मैसेज का बटन दिया गया है। जिसमें मैसेज भेजा जाएगा।
— जोधपुर रेल मण्डल को 650 जीपीएस उपलब्ध हुए है। इस तकनीक से रेलवे सुरक्षा सुनिश्चित होगी। गोपाल शर्मा, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी उत्तर पश्चिम रेलवे, जोधपुर