scriptजोधपुर में अंतरराष्ट्रीय पोलो मैच को आइपीए की सशर्त हरी झंडी | IPA's conditional green flag for international polo match in Jodhpur | Patrika News

जोधपुर में अंतरराष्ट्रीय पोलो मैच को आइपीए की सशर्त हरी झंडी

locationजोधपुरPublished: Sep 19, 2020 10:49:18 am

बिना दर्शकों के 13 से 31 दिसम्बर तक आयोजन की अनुमति
 

जोधपुर में अंतरराष्ट्रीय पोलो मैच को आइपीए की सशर्त हरी झंडी

जोधपुर में अंतरराष्ट्रीय पोलो मैच को आइपीए की सशर्त हरी झंडी

जोधपुर. लुप्त पोलो को नए आयाम देने वाले जोधपुर में इंडियन पोलो एसोसिएशन (आइपीए ) ने आगामी 13 से 31 दिसम्बर तक पोलो मैच आयोजन करने की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश में जयपुर और जोधपुर दो ही जगह पोलो मैच के आयोजन होते हैं। ब्रिटिशकाल से भी पहले खेले जाने वाले वाले पोलो को जोधपुर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए आयाम देने व द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद लुप्त हो चुके खेल को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कोरोनाकाल में रहेगा जारी पोलो
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सारे घोड़े युद्ध के लिए भेजने के कारण पोलो खेल बंद हो गया था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद यह खेल जोधपुर में इस साल जारी रहने की अनुमति मिल चुकी है। लुप्त हुए पोलो खेल को पुन: स्थापित करने के लिए पूर्व सांसद व संस्था के संरक्षक गजसिंह ने पाबूपुरा में वर्ष 1998 में हरि घासयुक्त एक विशाल पोलो मैदान तैयार करवाया जो वर्तमान में महाराजा गजसिंह स्पोट्र्स फाउण्डेशन पोलो ग्राउण्ड के नाम से जाना जाता है। विश्व के पोलो खिलाडि़यों को प्रोत्साहन देने के लिए फाउण्डेशन की ओर से ठहरने की व्यवस्था, घोड़ों को लाने ले जाने की व्यवस्था की जाती है। मैदान में प्रतिवर्ष जोधपुर कप, महाराजा उम्मेदसिंह कप, राजपुताना एण्ड सेन्ट्रल इंडिया कप, एचएच महाराजा गजसिंह गोल्डन जुबली कप, मेजर सरदारसिंह जसोल मेमोरियल कप का भी आयोजन होता है।
‘जोधपुर लांसर्स’ गठन कर मॉर्डन जोधपुर पोलो को जन्म
विश्व भर में पोलो के लिए भी विख्यात जोधपुर के तत्कालीन महाराजा सरप्रताप ने वर्ष 1889 में कर्नल स्टुअर्ट बिटसन के साथ ‘जोधपुर लांसर्स’ गठन कर मॉर्डन जोधपुर पोलो को जन्म दिया था। उसके चार साल बाद 1893 में जोधपुर की पोलो टीम इंडियन चैम्पियन रही। उस समय भारत के चार प्रमुख पोलों टीमों में जोधपुर की गणना होती थी। सन 1887 में सरप्रताप जब इंग्लैण्ड गए तब उस प्रथम भारतीय पोलो टीम के खिलाड़ी थे जिन्होंने ब्रिटिश खिलाडि़यों को उनकी धरती पर चैलेंज किया था। वर्ष 2005 में पोलो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी खिलाड़ी शिवराजसिंह (गजसिंह के पुत्र ) जयपुर में पोलो खेलते समय घोड़े से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
आइपीए से मिल चुकी है अनुमति
जोधपुर में पोलो मैच आयोजन के लिए भारत सरकार की कोविड-19 से जुड़ी गाइडलाइन की पालना की जाएगी। इंडियन पोलो एसोसिएशन (आइपीए ) ने भी 13 से 31 दिसम्बर तक प्रतियोगिताएं आयोजन करने की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी है। पोलो खिलाडि़यों को इस बाबत तैयारियों में जुटने की सूचना दे दी गई है। खिलाडि़यों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन दर्शक बिलकुल भी शामिल नहीं हो सकेंगे।
कर्नल डॉ. उम्मेदसिंह, एडमिनेस्ट्रेटर, महाराजा गजसिंह स्पोट्र्स फाउण्डेशन जोधपुर

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