पुलिस की एक टीम दिल्ली पहुंची और मिलाद को गिरफ्तार कर जोधपुर लाई। उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर रिमाण्ड पर भेजा गया है। वारदात में दो अन्य इरानी ठग भी शामिल थे। जिनका सुराग नहीं लग पाया है।
गौरतलब है कि इरान के ठगों की एक गैंग पर्यटन वीजा पर दो अक्टूबर को दिल्ली आई थी। फिर चौदह अक्टूबर को जोधपुर आए थे और मण्डोर नौ मील स्थित होटल में ठहरे थे। गत १५ अक्टूबर को रामपुरा भाटियान में एक पेट्रोल पंप पर ऑयल खरीदने के बाद इरानी ठग ने नए नोट लेने का झांसा देकर ६२ हजार रुपए चुरा लिए थे। बाद में तीनों कार में भाग निकले थे। पंप कर्मचारी को वारदात का पता लगा तो पुलिस में सूचना देकर नाकाबंदी कराई थी। जिसके फलस्वरूप १६ अक्टूबर को मोहम्मद मोहरा कोडर, जावद बगेर व फजेल सेंडी उर्फ नेहती को गिरफ्तार किया गया था।इसके साथ पाल रोड पर एल्युमिनियम दुकान से पचास हजार रुपए चुराए थे। इरान के तीन ठग एक अन्य कार में केरू चौपड़ स्थित दादा दरबार पेट्रोल पंप गए थे, जहां भी एक लीटर ऑयल खरीदने के बाद नए नोट लेने का झांसा देकर गल्ले से २७ हजार रुपए चुरा लिए थे।
आरोपी दिनेशचन्द्र ने अदालत में पेश करने के दौरान मजिस्ट्रेट के पांव छूने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहा। एेसे में उसने दूर खड़े होकर नमस्कार किया।
उधर, सुरक्षा में चूक के संबंध में पुलिस मुख्यालय ने भी जांच शुरू की। उप महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) अंशुमन भोमिया जांच के लिए जोधपुर पहुंचे। राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान सर्किट हाउस में मौजूद पुलिस अधिकारियों व जवानों से मामले की जानकारी ली।