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जोधपुर में ट्रेन के 150 कोचों में बन रहे आइसोलेशन बेड, वर्कशॉप में निर्माण कार्य शुरू

locationजोधपुरPublished: Apr 01, 2020 02:25:59 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए टे्रनों के कोचों को आइसोलेश्न बेड में बदला जा रहा है। इसके लिए जोधपुर मण्डल में भी काम शुरू हो गया है और जोधपुर वर्कशॉप में रेलवे कोचों को आइसोलेशन कोच में तब्दील किया जा रहा है। जोधपुर मण्डल के सूत्रों के अनुसार, जोधपुर वर्कशॉप में 150 कोचों में आइसोलेशन बेड बनाए जाएंगे।

isolation beds are prepared in coaches of indian railways trains

जोधपुर में ट्रेन के 150 कोचों में बन रहे आइसोलेशन बेड, वर्कशॉप में निर्माण कार्य शुरू

अमित दवे/जोधपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए टे्रनों के कोचों को आइसोलेश्न बेड में बदला जा रहा है। इसके लिए जोधपुर मण्डल में भी काम शुरू हो गया है और जोधपुर वर्कशॉप में रेलवे कोचों को आइसोलेशन कोच में तब्दील किया जा रहा है। जोधपुर मण्डल के सूत्रों के अनुसार, जोधपुर वर्कशॉप में 150 कोचों में आइसोलेशन बेड बनाए जाएंगे। एक कोच अधिकतम 14 मरीजों के लिए उपयोगी होगा। रेलवे बोर्ड पूरे देश के सभी 16 जोनों के करीब 5 हजार कोचों में 35 हजार आइसोलेशन बेड तैयार करवा रहा है। इसमें उत्तर पश्चिम रेलवे में करीब 266 कोचों में आइसोलेशन बेड्स की तब्दीली का काम होगा।
15 साल पुराने कोचों को कर रहा तैयार
जोधपुर रेलवे वर्कशॉप ने इस कार्य के लिए करीब डेड़ सौ स्लीपर कोच, जो पन्द्रह वर्ष की आयु पूरी कर चुके है, आइसोलेशन कोच में तब्दील करने का कार्य शुरू कर दिया है। विपदा के समय ये कोच मरीजों को भर्ती कर निर्धारित स्थान पर ले जाने मे उपयोगी होंगे। यह कार्य रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुरूप हो रहे हैं। रेलवे कार्यशाला के कर्मचारियों को एक सप्ताह में कोचों में आइसोलेशन बेड बनाने के कार्य को पूरा करना है। वर्कशॉप उच्चाधिकारियों के निर्देशन में आशीष चावला, मो अमीन, सीपी तिवारी, राजेन्द्र चौधरी आदि कोच निर्माण कार्य में लगे हुए है और मंगलवार को 11 कोच को आइसोलेशन बेड के लिए तैयार किया गया।
ऐसे तैयार किए जा रहे कोच
– इन कोच की सभी बीच की बर्थ को हटा दिया गया है।
– सभी खिड़कियों पर मच्छर जाली लगाई जा रही है।
– कोच को गर्म होने से बचाने के लिए बांस की मेट से ढका जाएगा।
– प्रत्येक कोच के एक टॉयलेट को बाथरूम मे परिवर्तित किया जा रहा है।
– हर कोच के प्रवेश पर प्लास्टिक के पर्दे लगेंगे ताकि मरीज़ को रहने का स्थान आइसोलेट रहे।
– बाथरुम के निकट पहले केबिन में साइड मे दो आक्सीजन के सिलेण्डर रखने की व्यवस्था होगी।
– पहले एक केबिन में दवाइयां व अन्य मेडिकल उपकरण रखने के लिए प्रावधान रखा गया है।
– शेष सात केबिन मरीजों के लिए होंगे, जिनमे प्रत्येक केबिन में मानक डस्टबिन, अतिरिक्त बोतल होल्डर, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट उपलब्ध कराए जाएंगे।
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