सिस्टम के खिलाफ गुस्साए स्वर में बोलते हुए विजयलक्ष्मी सिसोदिया, किरण, रेखा सोलंकी, कृष्णा सोलंकी, मंजू, लीला, कामिनी व यशोदा आदि ने बताया कि पेयजल लाइन नहीं होने से मुंहमांगे दाम पर पानी के टैंकर खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पानी के एक टैंकर के लिए 500 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। माह में तीन से चार टैंकर प्रति घर मंगवाने पड़ रहे हैं। जिससे उनका आर्थिक बजट गड़बड़ा रहा है। लेकिन जलदाय विभाग को उनकी समस्या से मानो कोई सरोकार नहीं है। पेयजल लाइन बिछाना तो दूर, वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं की जा रही। ऐसे में परेशान है।
स्थानीय निवासी मोहनलाल बामणिया, रामेश्वर सोलंकी, तेजाराम दर्जी , उदाराम भाटी, राजेश मेघवाल, मनीष सोलंकी, रवि बनावडिय़ा, लक्ष्मण प्रजापत, मंगलाराम फानण, गणपत मेहरड़ा आदि ने बताया कि दोनों नगर वर्ष 2000 में बसे हुए हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का विकास आज तक नहीं हो सका। पेयजल कनेक्शन लेने के लिए वर्ष 2008 से आवेदन कर रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से बजट नहीं होने का हवाला देते हुए पेयजल लाइन नहीं बिछाई जा रही है। नतीजन उन्हें पानी के कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं। यहां लगभग 700 से अधिक मकान बने हुए हैं।
गौरतलब है कि पेयजल लाइन नहीं होने के चलते पूर्व में इस नगर में रहने वाले लोगों के विरोध के बाद समीप से निकल रही रणसी लाइन से पेयजल कनेक्शन लेने की वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर स्वीकृति पंचायत से दी गई थी, लेकिन यहां पर माह में दो बार ही जलापूर्ति होती है। लोगों का कहना है कि इससे पीने योग्य पानी भी नसीब नहीं हो पाता है। इसी लाइन से आदर्श नगर, बालाजी नगर, बजरंग विहार, गांधी नगर, जनक विहार आदि कॉलोनियों के लिए कनेक्शन कर रखें हैं। इसके चलते आपूर्ति कम दबाव से भी होती है।
पेयजल लाइन से वंचित झालामंड की कॉलोनियों में नई कार्य योजना के तहत जल्द ही पेयजल लाइन बिछाई जाएगी। कॉलोनियों में पर्याप्त एवं अधिक दबाव से पानी पहुंचे इसके लिए एक और पेयजल टंकी का निर्माण करवाया जाना प्रस्तावित है।
– महेंद्र विश्नोई, विधायक लूणी