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जेएनवीयू: पहली बार वन्य जीव पर्यटन व वन्य जीव साइंस पर होगी पढ़ाई

locationजोधपुरPublished: Nov 12, 2021 05:37:45 pm

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– इस साल मुख्यमंत्री ने किया था वाइल्ड लाइफ रिसर्च एण्ड कंर्जेवेशन अवेयरनेस सेंटर का उद्घाटन- एक वर्षीय दो नए डिप्लोमा पाठ्यक्रम हो रहे शुरू, 25 सीटों पर विद्यार्थियों को मिलेगा प्रवेश, अगले सप्ताह आवेदन की उम्मीद

जेएनवीयू: पहली बार वन्य जीव पर्यटन व वन्य जीव साइंस पर होगी पढ़ाई

जेएनवीयू: पहली बार वन्य जीव पर्यटन व वन्य जीव साइंस पर होगी पढ़ाई

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में इस साल पहली बार वन्य जीव पर एक वर्षीय दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू होने जा रहे हैं। दोनों पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित आधार पर शुरू किए जाएंगे। दोनों में 25 सीटें रखी गई हैं। अरावली और मरुस्थलीय इकोसिस्टम के संरक्षण के लिए विश्वविद्यालय ने यह पहल की है।
गत वर्ष कोरोना में सिंडिकेट ने विश्वविद्यालय में वाइल्ड लाइफ रिसर्च एंड कंजर्वेशन अवेयरनेस सेंटर खोलने की अनुमति दी थी। इस साल जनवरी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सेंटर का उद्घाटन किया। सितंबर में कुलपति ने वाइल्ड लाइफ सेंटर में पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी। पाठ्यक्रम कमेटी ने हाल ही में पाठ्यक्रम तैयार करके इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की अनुशंसा की है। पहला पाठ्यक्रम वाइल्ड लाइफ इको टूरिज्म और दूसरा वाइल्ड साइंस होगा।
दो थ्योरी पेपर व दो फील्ड प्रेक्टिकल
दोनों पाठ्यक्रमों में दो थ्योरी पेपर और दो फील्ड प्रेक्टिकल सहित एक वर्षीय डिप्लोमा में विभिन्न जू, म्यूजियम, वन, राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य आदि की फील्ड विजिट पाठ्यक्रम में शामिल की गई है। वाइल्ड लाइफ इकोटूरिज्म में प्रवेश के लिए विद्यार्थी किसी भी विषय में स्नातक होना चाहिए। इसका शुल्क 8000 रुपए रखा गया है। इस पाठ्यक्रम के जरिए विद्यार्थी वाइल्ड लाइफ फ ील्ड और टूरिज्म के क्षेत्र में अच्छा रोजगार प्राप्त कर सकता है। अन्य एक वर्षीय पाठ्यक्रम वाइल्ड लाइफ साइन्स में प्रवेश की योग्यता विज्ञान वर्ग में स्नातक रखी गई है। निर्धारित शुल्क 10 हजार रुपए होगा। इसके जरिए विद्यार्थी वन विभाग, वाइल्ड लाइफ फ ील्ड से जुडे विभिन्न प्रकार के एनजीओ में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
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‘विवि में पहली बार वन्य जीव पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं जो अरावली व थार मरुस्थल की पारिस्थितिकी के संरक्षण व पर्यटन में सहायक होंगे।’
डॉ हेमसिंह गहलोत, निदेशक, वाइल्ड लाइफ रिसर्च एंड कंजर्वेशन अवेयरनेस सेंटर (जेएनवीयू)
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