जेएनवीयू के कुलपति प्रो प्रवीण चंद्र त्रिवेदी इससे पहले गोरखपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 2011 से 2014 तक कुलपति रहे। यह संयोग ही है कि उनके कुलपति कार्यकाल के दौरान गोरखपुर विश्वविद्यालय भी बड़ा होने के कारण दो हिस्सों में विभक्त हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने उससे अलग कर सिद्धार्थ नगर विश्वविद्यालय बनाया। अब यहां व्यास विश्वविद्यालय से एमबीएम विश्वविद्यालय बनने जा रहा है।
‘एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के विवि बनने के बाद पेंशन देना हमारे बस की बात नहीं रहेगी। हम राज्य सरकार को पेंशन का भार अपने ऊपर लेने के लिए जल्द ही सूचित करेंगे।’
-प्रो प्रवीण चंद्र त्रिवेदी, कुलपति, जेएनवीयू