script

मूलसिंह और सुनील की खींचतान में पूरे छात्रसंघ पर मंडराने लगा है रद्द होने का खतरा, इस मुद्दे को माना बड़ी वजह

locationजोधपुरPublished: Oct 05, 2018 09:07:24 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

विवाद गहराने और एबीवीपी के प्रत्याशी मूल सिंह की ओर से मामला उठाने के बाद इसमें पेचीदगी आ गई है।

student union elections in jodhpur

JNVU student union election, abvp, NSUI, Student union elections, jnvu, jodhpur news, jodhpur news in hindi

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय का छात्र संघ चुनाव पूरी तरीके से शून्य घोषित हो सकता है। छात्रसंघ के अधिकांश पदाधिकारियों ने अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा निर्धारित समय में विवि प्रशासन को नहीं सौंपा है। ऐसे में एपेक्स के 4 पदों सहित अधिकांश पदों के प्रत्याशियों का पद शून्य घोषित होने का खतरा मंडरा रहा है। यदि विवि ऐसा फैसला लेता है जेएनवीयू में इस सत्र में कोई छात्रसंघ नहीं रहेगा। हालांकि इस संबंध में कुलपति 13 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में अंतिम निर्णय लेंगे।
जयनारायण व्यास विवि छात्र संघ चुनाव संविधान के अनुसार प्रत्याशियों का परिणाम आने के बाद 2 सप्ताह के भीतर चुनावी खर्च का ऑडिटेड ब्यौरा बिल सहित विश्वविद्यालय प्रशासन को जमा करवाना होता है। निर्धारित समय सीमा के दौरान लगभग सभी प्रत्याशियों ने अपना खर्च विवि को नहीं बताया हैं, वैसे यह परंपरा हर साल से चली आ रही है। लेकिन इस बार छात्रसंघ अध्यक्ष पद का विवाद गहराने और एबीवीपी के प्रत्याशी मूल सिंह की ओर से मामला उठाने के बाद इसमें पेचीदगी आ गई है।
गौरतलब है कि छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी ने अपने खर्च के संबंध में जानकारी विवि को 1 अक्टूबर को ईमेल द्वारा उपलब्ध करवाई जब भी निर्धारित समय सीमा 25 सितंबर थी। ऐसे में अध्यक्ष पद के अन्य प्रत्याशी रहे मूल सिंह ने विवि प्रशासन को सुनील के नामांकन को लेकर आपत्ति दायर की है। विवि के नियमानुसार छात्र संघ चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों के चुनाव परिणाम के 2 सप्ताह के भीतर अपने खर्च का विवरण जमा नहीं करवाने पर विवि उनके पद को शून्य घोषित कर सकता है।
अब तक कब क्या हुआ

29 अगस्त : चुनाव की अधिसूचना जारी।
1 सितंबर : मतदाता सूचियों का प्रकाशन।
5 सितंबर : नामांकन भरने का दिन।
6 सितंबर : नामांकन वापस लिए। (प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी)
9 सितंबर : दोपहर 1 बजे चुनाव प्रचार समाप्त।
10 सितंबर : मतदान।
11 सितंबर : मतगणना (पुनर्मतगणना के बाद 9 वोट से जीते सुनील चौधरी)।
14 सितंबर : मूल सिंह ने मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए विशाल रैली निकाली और ग्रीवेंस कमेटी को अपनी आपत्ति दी।
17 सितंबर : शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने कुलपति के समक्ष 2 घंटे तक छात्र संघ चुनाव पर चर्चा की।
22 सितंबर : छात्र संघ चुनाव की ग्रीवेंस रिड्रेसल सेल ने मूल सिंह व सुनील की आपत्तियों को सुना।
27 सितंबर : सेल ने अपना फैसला सुनाया, मूल सिंह का नामांकन खारिज करने की सिफ ारिश।
3 अक्टूबर : राजपूत समाज ने मूल सिंह के समर्थन में निकाली विशाल रैली। कहा-सुनील चौधरी ने चुनाव खर्च बताने में की देरी, नामांकन रद्द करने की मांग की।

ट्रेंडिंग वीडियो