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6 साल से अटका हुआ है जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन का काम, जानिए क्या है वजह?

Jodhpur Air Force Station: पश्चिमी सीमा पर भारतीय वायुसेना के सामरिक महत्व के सबसे बड़े जोधपुर वायुसेना स्टेशन का विस्तार बीते छह साल से राज्य सरकार और रक्षा मंत्रालय के मध्य जमीन की कीमत को लेकर अटका हुआ है।

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जोधपुर/पत्रिका। Jodhpur Air Force Station: पश्चिमी सीमा पर भारतीय वायुसेना के सामरिक महत्व के सबसे बड़े जोधपुर वायुसेना स्टेशन का विस्तार बीते छह साल से राज्य सरकार और रक्षा मंत्रालय के मध्य जमीन की कीमत को लेकर अटका हुआ है। नगर निगम 69 एकड़ के बदले अब अंतिम रूप से 93 करोड़ रुपए मांग रहा है, लेकिन रक्षा मंत्रालय इसकी कीमत और कम करने पर जोर दे रहा है। यह जमीन मिलने के बाद वायुसेना यहां नया रन-वे बनाएगी। इसके अलावा लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर की आने वाली नई स्क्वाड्रन के लिए हैंगर भी तैयार करेगी। फ्रांस से रफाल खरीद की नई डील होती है तो उसकी एक स्क्वाड्रन जोधपुर में तैनात की जाएगी। इसके अलावा भी एयरफोर्स को आधुनिक जरुरत के अनुसार निर्माण कार्य करने हैं।

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जोधपुर में सिविल एयरपोर्ट विस्तार के लिए मार्च 2017 में राज्य सरकार, एयरफोर्स, नगर निगम जोधपुर, एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के मध्य जमीन हस्तांतरण को लेकर एमओयू हुआ। एयरफोर्स ने 37 एकड़ जमीन राज्य सरकार को सिविल एयरपोर्ट विस्तार के लिए दे दी। बदले में नगर निगम की ओर से दी गई 106 एकड़ जमीन में से एयरफोर्स को 37 एकड़ जमीन नि:शुल्क दी गई। निगम शेष 69 एकड़ का भुगतान मांग रहा है। एएआई ने एयरफोर्स से मिली 37 एकड़ जमीन पर नया सिविल एयरपोर्ट व एप्रेन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।

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40 करोड़ से 122 करोड़ रुपए मांगे
पहले नगर निगम की 69 एकड़ जमीन कृषि भूमि अथवा नाले की भूमि थी, जिसकी कीमत 40 करोड़ रुपए थी, लेकिन इसका कॉमर्शिलाइजेशन करने से इसकी कीमत 122 करोड़ रुपए हो गई। रक्षा मंत्रालय ने इतनी कीमत देने से मना कर दिया। सालभर पहले 93 करोड़ रुपए पर अंतिम वार्ता हुई। रक्षा मंत्रालय दिल्ली ने फाइल को हरी झंडी नहीं दी है।