लक्ष्मी ने बताया कि कई बार घर या आस-पास की जगहों पर स्नैक को देखते ही लोग उसे मारने लगते हैं, लेकिन उन्हें मारने के बजाय बचाना हमारा फर्ज है। इसलिए वो अब तक पाइथन, रॉयल ब्लैक हैडेड, कोबरा, सैंड बोआ सहित कई स्नैक लोगों की भीड़ से बचाकर लक्ष्मी सुरक्षित स्थान छोड़ चुकी है। इस काम में उसे बिल्कुल भी डर नहीं लगता। हाल ही में मधुबन के विजय नगर में भी घर में एक स्नैक निकल आया। जिसे पकड़ लक्ष्मी ने उसे कायलाना की पहाडिय़ों में सुरक्षित स्थान छोड़ा। लक्ष्मी ने बताया कि भविष्य में एनिमल्स डॉक्टर बन वन्यजीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर खोलना चाहती है।
विश्व मानवतावादी दिवस मनाए जाने का उद्देश्य यह था कि इसके जरिए उन मानवीय कर्मियों को उचित सम्मान दिया जा सके, जिन्होंने मानव मात्र की सेवा में अपना पूरा जीवन लगा दिया है। दरअसल, यह दिवस 19 अगस्त को इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन वर्ष 2003 को बगदाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर बमबारी हुई थी। इस बमबारी में इराक में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष दूत सर्जियो विएरा डी मेल्लो समेत 22 अन्य मानवतावादी कर्मी मारे गए थे। संयुक्त राष्ट्र इस दिन को मानवता की सेवा करते हुए बलिदान हो जाने वाले लोगों की साहसिक कार्यों को याद रखने के दिन के रूप में घोषित किया है ।