1. जोधपुर-पाली-मारवाड़ क्षेत्रीय विकास – जोधपुर और पाली के बीच डीएमआइसी प्रोजेक्ट के तहत क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण को गति मिलने की उम्मीद है। रिफाइनरी और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के चलते यह सबसे प्रमुख मांग है। इससे पश्चिमी राजस्थान का औद्योगिक विकास भी तेज होगा।
2. टैक्सटाइल हब – इसी क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण क्षेत्र में टैक्सटाइल हब या टैक्सटाइल पार्क ही उम्मीद भी जनता लगाए बैठी है। पाली, जोधपुर के साथ बालोतरा को भी इससे फायदा होगा। हजारों लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। इसके लिए तीनों शहर के टैक्सटाइल व्यापारी मांग कर रहे हैं। जल प्रदूषण पर भी नियंत्रण हो सकेगा।
3. लूपिंग सिस्टम या बेहतर यातायात – शहर के यातायात सिस्टम को सुधारने के लिए लूपिंग सिस्टम या अन्य मॉबिलिटी प्लान जैसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा सकता है। एलिवेटेड रोड में केन्द्र सरकार रुचि दिखा चुकी है। इसीकारण यातायात सुगम करने के अन्य विकल्प पर गहलोत सरकार को निर्णय करना होगा। जनता भी यातायात जाम की समस्या दूर होने से राहत की सांस लेगी।
4. हेरिटेज संरक्षण – आगामी समय में पर्यटन के नक्शे में जोधपुर को और ऊचा ले जाने में हेरिटेज की मुख्य हथियार होगा। हेरिटेज संरक्षण के क्षेत्र में विशेष बजट या एक जन आंदोलन की जरूरत है। सीएम अपने गृह नगर को यदि हेरिटेज संरक्षण में बजट उपलब्ध करवाते हैं तो पर्यटन बाजार एक कदम ऊपर चला जाएगा।
5. खेल विश्वविद्यालय – शहर में खेलों के विकास के लिए शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय स्थापित हो। शाला क्रीड़ा संगम मैदान गौशाला मैदान में सिंथेटिक ट्रेक को देखते हुए एथलेटिक्स एकेडमी भी खुलनी चाहिए। बरकतुल्लाह खां स्टेडियम के लिए विशेष बजट मिलना भी प्रस्तावित है। इसके लिए हालही में आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने सीएम से मुलाकात भी की थी।