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पूर्णिमा बोहरा/जोधपुर. नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच के लिए महापौर की ओर से एसीबी में शिकायत दर्ज करवाने के बाद से निगम में हड़कंप मचा हुआ है। शिकायत के बाद नाराज निगम कर्मचारियों ने महापौर पर कार्रवाई रुकवाने व अवैध निर्माण को शह देने की बात कही। इस पर पत्रिका ने पड़ताल कर सच को जांचा तो परत-दर-परत खुलासे हुए। निगमकर्मियों का कहना है कि कई मामलों में महापौर ने फोन पर कार्रवाई नहीं करने को कहा। इधर, महापौर की मानें तो उन्होंने कहा कि किसी अफसर को कार्रवाई करने से नहीं रोका। कार्रवाई से पहले किसी का फोन आने पर यह जरूर कहते हैं कि उसका पक्ष सुन लिया जाए और समय दिया जाए।
इन 4 मामलों से समझें कार्रवाई का सच
1. गोकुलजी प्याऊ स्थित महात्मा गांधी कॉलेज को सीज करने के आदेश 24 मई को जारी हो चुके थे। इस पर कार्रवाई नहीं होने के कारण निगम आयुक्त से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि अतिक्रमण प्रभारी को भेजा था। उसने कार्रवाई क्यों नहीं की, इसका कारण पूछने पर उसने बताया कि महापौर ने फोन पर कार्रवाई नहीं करने को कहा था।
शुक्रवार को भी सीज करने के लिए टीम तीन बार मौके पर गई, लेकिन भवन सीज नहीं हुआ। पत्रिका ने वार्ड प्रभारी से बात की, तो उसने बताया कि दिन में परीक्षा चलने के कारण डीसी ने शाम पांच बजे सीज करने को कहा। शाम पांच बजे टीम पहुंची तो महापौर ने फोन कर सीज की कार्रवाई रुकवा दी। महापौर से बात करने पर उन्होंने कहा स्कूल में परीक्षा चलने के कारण मालिक ने निवेदन किया था कि 10 अगस्त तक परीक्षा चलेगी। बच्चों का भविष्य खराब न हो इसलिए रियायत देने को कहा। फिर भी सीज करना अनिवार्य है तो अधिकारी सीज करें।
2. सर्किट हाउस पर पेट्रोल पंप के पास भूखंड संख्या एक पर बेसमेंट सहित चार मंजिला भवन बिना मंजूरी खड़ा हो गया। आयुक्त ने भवन सीज करने का आदेश जारी किया। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। इस बारे में अतिक्रमण प्रभारी से बात की तो एक भाजपा नेता के दबाव के कारण भवन सीज नहीं करने की बात सामने आई। महापौर ने कहा कि भवन सीज हुआ था फिर खोला गया और नियमों के अधीन खोला गया। शपथ पत्र लेकर अवैध निर्माण हटाने का समय दिया गया है।
3. जमना देवी स्कूल के पास महावीर नगर में निर्माणाधीन स्कूल की शिकायत क्षेत्रवासियों ने की। लोगों ने कई बार विरोध जताया। इसके बावजूद निर्माण को सीज नहीं होने दिया गया। संबंधितों से बात करने पर उन्होंने महापौर के आदेश पर कार्रवाई नहीं होना बताया। जब अधिकारी से बात की, तो उन्होंने सीज के आदेश जारी कर दिए।
4. अतिक्रमण समिति के चेयरमैन के घर के सामने चार मंजिला अवैध भवन खड़ा हो गया। आयुक्त के आदेश पर भवन को सीज किया गया। कर्मचारियों के अनुसार महापौर व पार्षद सीज खोलने का दबाव बना रहे हैं। महापौर ने कहा, भवन को सीज मुक्त करने के लिए भवन मालिक कोशिश तो करेगा ही। कर भी रहा है। सीज खोलें न खोलें यह अधिकारियों पर है।
पाल लिंक रोड के अवैध भवनों की सूची तैयार
निगम आयुक्त ओमप्रकाश कसेरा ने शहर, सरदारपुरा व सूरसागर विधानसभा क्षेत्र के उपायुक्त भंवरसिंह सांदू, देवाराम सुथार व स्वरूपसिंह सिसोदिया से कहा कि सही निर्माण को छेडऩा नहीं है और गलत या अवैध निर्माण को छोडऩा नहीं है। शहर में हो रहे सभी अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने की रणनीति तैयार की गई। अवैध निर्माण की सूची तैयार की गई है। जल्द ही इन भवनों को सीज किया जाएगा।
सही को छेड़ो मत, गलत को छोड़ो मत
महापौर के आदेश की अक्षरश: पालना की जाएगी। तीनों उपयायुक्तों को आदेश दे दिए हैं कि शहर में सही निर्माण को छेड़ा न जाए और गलत को छोड़ा नहीं जाए। शहर में हो रहे अवैध निर्माण को तुरंत प्रभाव से रोका जाएगा। हो चुके निर्माण को सीज किया जाएगा। सीज करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
ओमप्रकाश कसेरा, आयुक्त, नगर निगम
मैंने कभी सीज कार्रवाई नहीं रुकवाई
मैंने कभी कोई अवैध निर्माण सीज करने से नहीं रुकवाया। कार्रवाई से पहले फोन आने पर उस पक्ष को सुनने और वह सही हो तो उसे समय देने की बात जरूर करता हूं। एसीबी में शिकायत शहर को अवैध निर्माण से मुक्त करवाने के लिए की थी। हालांकि इस कार्रवाई से कर्मचारी व अधिकारी नाराज हैं, लेकिन मैंने शहर के बारे में सोचा है।
घनश्याम ओझा, महापौर
Published on:
30 Jun 2018 03:09 pm
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