स्वच्छ भारत कैंपेन से मिली प्रेरणा प्रशिता ने बताया कि वो पीएम मोदी के ‘स्वच्छ भारतÓ अभियान से प्रभावित हुई। जागरुकता के अभाव में पढ़े लिखे लोग भी पार्क की दीवारों के सहारे कचरा डम्प करके चले जाते थे। इसके चलते पार्क के आस-पास रहने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। कई बार समझाने के बाद भी लोग कचरा डाल कर चले जाते थे। पार्क को संवारने के लिए अटल उद्यान विकास समिति का गठन स्थानीय पार्षद रेंवत सिंह इंदा के नेतृत्व में किया गया था। जिन्हें मैंने लोगों को जागरुक करने व स्वच्छता के प्रति संदेश देने के लिए अपने आइडिया के बारे में बताया ओर सभी की सहमति से पार्क की दीवारों को संवारने का कार्य शुरु किया।
कॉलेज व कोचिंग के बीच निकाला टाइम
प्रशिता ने बताया कि इस पेंटिंग्स को बनाने में ओवरऑल 63 घंटे लगे। स्वतंत्रता दिवस के दिन ही मैंने कुछ अलग करने का निश्चय किया था। इसलिए कॉलेज व कोचिंग स्टडी के बीच टाइम निकालकर पार्क की दीवारों को पेंट करने का कार्य शुरू किया। प्रतिदिन घंटों दीवारों को संवारने का कार्य करती थी। इस पर लगभग दो हजार रुपए का खर्च आया। अब खुशी है कि लोग दीवारों पर कचरा नहीं फैंकते बल्कि सेल्फी लेते हैं। प्रशिता ने बताया कि वो पीएम के जन्मदिन पर कुछ अलग हटकर करना चाहती थी। मेरी तरफ से उनके लिए इससे बेहतर गिफ्ट कोई और नहीं हो सकता।
प्रशिता ने बताया कि इस पेंटिंग्स को बनाने में ओवरऑल 63 घंटे लगे। स्वतंत्रता दिवस के दिन ही मैंने कुछ अलग करने का निश्चय किया था। इसलिए कॉलेज व कोचिंग स्टडी के बीच टाइम निकालकर पार्क की दीवारों को पेंट करने का कार्य शुरू किया। प्रतिदिन घंटों दीवारों को संवारने का कार्य करती थी। इस पर लगभग दो हजार रुपए का खर्च आया। अब खुशी है कि लोग दीवारों पर कचरा नहीं फैंकते बल्कि सेल्फी लेते हैं। प्रशिता ने बताया कि वो पीएम के जन्मदिन पर कुछ अलग हटकर करना चाहती थी। मेरी तरफ से उनके लिए इससे बेहतर गिफ्ट कोई और नहीं हो सकता।