जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर आयोजित डिफेंस एविएशन एक्सपो में आए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के सीएमडी डॉ. डीके सुनील ने दो साल बाद इसकी पहली उड़ान की उम्मीद जताई। गौरतलब है कि एचएएल की ओर से वर्तमान में तेजस मार्क-1 का उत्पादन किया जा रहा है। इसके 40 विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे जा चुके हैं। एचएएल तेजस मार्क-1 ए का उत्पादन भी कर रहा है, जिसका पहला विमान इस साल के अंत तक मिलने की उम्मीद है।
2032 में पहली स्क्वाड्रन की उम्मीद
तेजस मार्क-2 का विकास क्रम चार साल रहेगा। इसका उत्पादन 2032 से शुरू होने की उम्मीद है। लगभग इसी समय मिग-29, मिराज 2000 और जगुआर क्रमबद्ध रूप से रिटायर होना शुरू होंगे। वर्ष 2037 तक इन तीनों लड़ाकू विमानों की स्क्वाड्रन रिटायर होगी तब तक उनके स्थान पर तेजस मार्क-2 जगह ले लेगा।
ये है खासियत
एचएएल ने अमरीका की जनरल इलेक्ट्रिक कम्पनी के साथ तेजस के इंजन के लिए एमओयू किया है। मार्क-1ए में एफ-404 इंजन लगेगा, जबकि तेजस मार्क-2 में एफ-414 इंजन लगेगा। यह अधिक ताकतवर होगा। यह अत्याधुनिक 17.5 टन का सिंगल इंजन वाला सुपरसोनिक एयरक्राफ्ट होगा। अधिकतम टेकऑफ वजन 17,500 किलोग्राम होगा। इसकी खासियत इसकी गति होगी। यह अधिकतम 2385 किमी/घंटा की स्पीड से उड़ेगा जो अमरीका जैसे देशों के आधुनिक जेट को टक्कर देगा। इसमें मिसाइल और बम लगाने के लिए 13 हार्ड पॉइंट होंगे, जिसमें ब्रह्मोस सहित अन्य मिसाइल लग सकेगी। लड़ाकू विमान तेजस मार्क-2 की पहली उड़ान 2026 में होने की संभावना है। इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
- डॉ. डीके सुनील, सीएमडी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड