पक्षियों के प्रवास से लौटी रौनक, पर्यटकों की आवक हुई शुरू
जोधपुरPublished: Oct 18, 2019 11:17:00 am
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्कफलोदी. जब कुरजां ग्रीष्म ऋतु के आगमन पर वतन वापसी करती है, तो खीचन गांव में इन पक्षियों की आवाज के बिना एक सूनापन सा आ जाता है। अब फिर से इन पक्षियों के शीतकालीन प्रवास के लिए यहां पंहुचने से गांव में रौनक लौट आई है।
फलोदी. आसमान में उड़ान भरते हुए मेहमान परिंदे
यहां अब सुबह से लेकर शाम तक गांव के आकाश में कुर्र-कुर्र की आवाज के साथ उड़ते कुरजां के समूह आकर्षक का केन्द्र बन गए है और मेहमान पक्षियों को निहारने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों की आवक शुरू हो गई है।
पक्षी प्रेमी सेवाराम माली ने बताया कि इस बार शीतकालीन पर करीब 7 हजार कुरजां पहुंच चुकी है तथा चुग्गाघर में करीब ४ हजार पक्षी नियमित रूप से आ रहे है। पक्षियों को निहारने के लिए पर्यटकों की आवक भी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि ये पक्षी सुबह चुग्गाघर, दोपहर तालाबों पर विचरण करते है तथा शाम को नमक उत्पादन क्षेत्र में विश्राम के लिए जाते है। उसके बाद अगली सुबह फिर से हजारों की तादाद में पक्षी खीचन पहुंच जाते है।
पर्यटकों को रोमांचित कर देता है यह दृश्य-
जब बड़ी संख्या में कुरजां पक्षी एक साथ पक्षी चुग्गाघर व तालाब के मैदान में बैठे रहते है। इस दौरान अचानक किसी आवाज या खतरे की आशंका होने पर सभी पक्षियों के सिर एक तरफ हो जाते है और एक साथ बड़ी संख्या में पक्षी आवाज करते हुए आसमान की तरफ उड़ान भर लेते है। यह दृश्य पर्यटकों को काफी लुभाता है। साथ पक्षियों की पानी में अठखेलियों पर्यटकों को आकर्षित करती है।
प्रस्तावित है खीचन कुरजां कन्जर्वेशन रिजर्व-
कुरजां संरक्षण को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा मामले को लेकर स्वप्रेरणा से संज्ञान लिए जाने के बाद प्रकरण का निस्तारण करते हुए खीचन में कुरजां कन्जर्वेशन रिजर्व बनाने के आदेश भी दिए थे। उसके बाद वन्यजीव विभाग द्वारा यहां १ हजार ८२ बीघा जमीन को चिन्हित करके उसकी जीपीएस लोकेशन भी तैयार कर ली गई थी तथा प्रस्ताव बनाए गए थे। खीचन में कई जगहों की भूमि को मिलाकर यहां कन्जर्वेशन रिजर्व बनाया जाना प्रस्तावित है। वहीं दूसरी तरफ यहां बर्ड रेस्क्यू सेटर का निर्माण करवाए जाने की आवश्यकता है। (कासं)