
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) के पद पर कार्यरत मनीष पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पटेल ने शनिवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अधिवक्ताओं के एक समूह में अपने इस कदम की जानकारी दी। पटेल राज्य के विधि मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे हैं। उनकी नियुक्ति को लेकर हाल ही विधानसभा में हंगामा हुआ था। उनके इस्तीफे की खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जोधपुर दौरे से एक दिन पहले सामने आने के भी कई कयास लगाए जा रहे हैं।
अपनी पोस्ट में पटेल ने नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए व्यक्तिगत कठिनाइयों को इस्तीफा देने का कारण बताया। उन्होंने लिखा-मैंने हाल ही जयपुर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री को लिखित में अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसमें मैंने व्यक्तिगत कारणों से इस पद पर आगे काम करने में असमर्थता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस्तीफा वर्तमान में स्वीकृति की प्रक्रिया में है। पटेल ने बातचीत में कहा कि उनकी नियुक्ति पर बार-बार सवाल उठाए जा रहे थे, जिसे देखते हुए उन्होंने वकालत की निजी प्रैक्टिस पर पुनः ध्यान केंद्रित करने के लिए यह कदम उठाया।
विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह व्यक्तिगत निर्णय है। मनीष के काम का दायरा बढ़ा है, उसका काम प्रभावित हो रहा होगा। इसलिए उसने सीएम से मिलकर इस्तीफा दिया। उल्लेखनीय है कि हाल ही विधानसभा सत्र के दौरान लाडनूं विधायक मुकेश भाकर ने विधि मंत्री के बेटे की एएजी नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। इस मुद्दे पर विधानसभा में भारी हंगामा हुआ, जिसके चलते बाद में भाकर को विधानसभा से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया। एएजी की नियुक्तियों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की है।
Published on:
24 Aug 2024 07:37 pm
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