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धन तेरस को इस तरह करें कुबेर और लक्ष्मी का आह्वान, घर में हमेशा रहेगी धन धान्य की परिपूर्णता

धनतेरस पर इन मंत्रों के उच्चारण से प्रसन्न करेंगे लक्ष्मी और कुबेर को  

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shri kuber mantra list in hindi

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धनतेरस को सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद नवीन वस्त्र पहनकर तथा हाथ में जल लेकर ' मम आरयुरारोग्यविवृद्धये', संचित सुवर्णलक्ष्मीपूजनं कुबेर पूजनं च करिष्ये' का उच्चारण करते हुए जल छोडऩा चाहिए। लक्ष्मी तथा कुबेर की मूर्ति अथवा चित्र के सम्मुख अपने स्वर्णाभूषण अर्पित कर सुपारी अथवा धान की राशि के रूप में उनका आह्वान करना चाहिए। पूजन स्थल के पाट पर लाल कपड़ा बिछा कर तथा चावल से अष्टदल बनाकर अपने द्वारा संचित आभूषण पात्र में रखकर कुबेर की मूर्ति का पूजन करें। फिर आह्वान करें। इस विधि से पूजन कर आप हमेशा अपने घर को धन धान्य से परिपूर्ण रख सकते हैं। धनतेरस के दिन लक्ष्मी और कुबेर का आह्वान करने का विशेष महात्म्य है।

पूजन करते समय निम्न मंत्रों का पाठ करना चाहिए-
पूज्यां हिरमण्यमयीं लक्ष्मी, रत्नरूपां च राजतीं।

धेनुरूपां, रोगहरां, नमामि, सुख शांतये ।।


अर्थात-मैं अपनी सुख शांति के लिए उस स्वर्णमयी लक्ष्मी की पूजा करता हूं जो अनेक रत्नों के स्वरूप में सुशोभित है तथा जो गौरूप में विराजमान होकर अनेक प्रकार के रोगों का नाश करती है।

आवाहयामि शुभदं, यक्षराज धनेश्वरम् ।।
वरदं त्रयमब्कसखं, स्थिरलक्ष्मी प्रयच्छ में।

ध्याये नित्यं गुणातीतं, देवकोशधियं शिवम् ।।


अर्थात -मैं धनपति ओर यक्षों के राजा कुबेर का आह्वान करता हूं जो सब प्रकार के मंगलदायक हैं। हे त्रिनेत्रधारी शंकर के मित्र वरदान देने वाले प्रभु, आप मुझे स्थाई लक्ष्मी प्रदान करें। मैं देवताओं के धनकोष के स्वामी ओर गुणों से भी परे रहने वाले कुबेर का नित्य ध्यान और स्मरण करता हंू।

या लक्ष्मी सर्वशंभाढ्या, जगतसौरव्यप्रदा मुनि।
गृहाण सततं देवी: पुष्पांजलि रत्नाविला ।।

अर्थात- हे महालक्ष्मी आप सब प्रकार से कल्याणकारी और संसार को सुख देने वाली है। आप मेरी ओर से अर्पित रत्नमयी पुष्पांजलि को निरंतर स्वीकार करती रहे।

आयुष्यकामो, प्रीतिकामो, धनकामस्तथैव च।

सर्वार्थकामस्तु नर:, प्रार्थये तं गुह्यकेश्वरम् ।।
अर्थात- हे यक्षराज कुबेर, आप आयुष्य और धन की कामनाओं को पूर्ण करने वाले हैं तथा आपके द्वारा मनुष्यों के सभी मनोरथ सिद्ध होते है। आप मेरी यह प्रार्थना स्वीकार कीजिए।