क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के खेतों में टिड्डी के हमले से फसलों को बचाने के लिए जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी किसानों को गैरजिम्मेदाराना उपाय सुझा रहे है। कुछ दिनों से आ रहे टिड्डी दल के नियंत्रण को लेकर किसानों को डीजे व थाली बजाने का उपाय बता रहे है।
हालांकि, टिड्डी चेतावनी व कृषि विभाग के कार्मिकों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। लेकिन गांवों के खेतों में टिड्डी के प्रकोप एवं आगामी समय में टिड्डी से फसलों को होने वाले नुकसान की आशंका व इससे निपटने के कोई माकूल इंतजाम नहीं किए गए हैं। टिड्डी दल के हमले की सूचना के बाद भी गोपालसर, बस्तवा, बिराई, पाबूसर, सुवेरी सहित कई प्रभावित इलाकों में कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं किया जा रहा है। इस कारण किसानों की लाखों रुपए की फसल नष्ट होती जा रही है।
ये गांव हुए टिड्डी प्रभावित देचू, सेतरावा, चामू, नाथडाऊ के कई इलाकों के बाद पाबूसर गांव में सोमवार रात्रि को पड़ाव डालने के बाद बड़ी संख्या में टिड्डी दल ने गोपालसर, बस्तवा, देवगढ़, मदरूपनगर, जिनजिनयाला, कानासर, सुवेरी, घुड़ियाला सहित कई गांवों के खेतो मे मंगलवार सुबह डेरा डाल दिया। एक साथ बड़ी संख्या में आई टिड्डी को देखकर गांवो के किसानो की एकबारगी तो सांसे ही फूल गई, टिड्डी द्वारा फसलों को खराब से बचाने को लेकर आनन-फानन में अपने खेतों को बचाने का जतन करने लगे। मंगलवार सुबह गोपालसर देवगढ़ में बडी संख्या मे टिड्डी दल उड़ता दिखाई दिया।
एक अनुमान के मुताबिक टिड्डी दल ने गांवों में खड़ी खरीफ की फसलों में धान को नुकसान पहुंचाया है। सरपंच प्रतिनिधि प्रकाश चोपड़ा ने बताया कि गांवों में टिड्डियों ने बाजरे की फसल को नष्ट कर दी। बालेसर प्रधान बाबुसिंह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ खेतों में पहुंचकर खराबे का जायजा लिया।
प्रधान इन्दा ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण को लेकर इनके पड़ाव स्थल पर कीटनाशक छिड़काव करवाने के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने टिड्डी दल से पहुंचे में फसलों के नुकसान को लेकर जिला कलक्टर से दूरभाष पर बातचीत कर उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की है। दिनभर किसान टिड्डियों को खेतों से परिवार सहित अपने खेतों में ढोल, थाली व पीपे बजाकर टिड्डी उड़ाने में जुट गए।