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डीजे के जुगाड़ से टिड्डी भगा रहे किसान

locationजोधपुरPublished: Oct 16, 2019 07:27:12 pm

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– 5 महीने में 17 अरब टिड्डी का खात्मा- अब नागौर पहुंच गई टिड्डी

डीजे के जुगाड़ से टिड्डी भगा रहे किसान

डीजे के जुगाड़ से टिड्डी भगा रहे किसान

जोधपुर. सीमा पार से लगातार आ रही टिड्डी बाजरे और मोठ की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान टिड्डी भगाने के लिए जुगाड़ निकाला है। कई किसानों ने शादी में बजने वाले डीजे खेतों में मंगा लिए हैं। टिड्डी दल नजर आते ही तेज आवाज में डीजे बजाने लगते हैं। डीजे के हाई-फाई साउंड से टिड्डी के मस्तिष्क में विघ्न उत्पन्न होता है और वह भाग छूटती है।

भारत में टिड्डी ने 21 मई को आधिकारिक तौर पर प्रवेश किया था। पांच महीने में अब तक करीब 17 अरब टिड्डी का खात्मा हो चुका है। जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ)ने अब तक 2.25 लाख हेक्टेयर में नियंत्रण कार्यक्रम चलाया है। एक हेक्टेयर में करीब 75 हजार टिड्डी होती है। टिड्डी पर अब तक 7.40 करोड़ रुपए का मेलाथीन पेस्टीसाइड स्प्रे किया जा चुका है।

उत्तर पश्चिमी हवा बहने से पाकिस्तान के बहावलपुर से टिड्डी ऊंचाई पर उडकऱ सीधा हनुमानगढ़ के नोहर स्थित नीमला गांव पहुंची। लाखों की संख्या में टिड्डी देखकर किसान घबरा गए। रात में तापमान कम होने के कारण टिड्डी पेड़ों पर बैठी। बुधवार सुबह जब टिड्डी नीचे आई तो उस पर चारों तरफ स्प्रे करके नेस्तानाबूद किया गया। टिड्डी पहली बार नागौर के श्रीबालाजी और छीला पहुंची। यहां भी एलडब्ल्यूओ की टीम भेजी गई है। बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर में भी टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम चल रहा है।
पहले थाली बजाकर भगाते थे टिड्डी
पुराने समय में किसान थाली बजाकर टिड्डी भगाते थे। थाली की आवाज से परेशान टिड्डी उडऩे लगती है। देखादेखी सारा झुण्ड अस्त व्यस्त हो जाता है। सिटी बजाकर, स्वयं आवाज करके अथवा आवाज करने वाले अन्य यंत्रों से भी टिड्डी भगाई जा सकती है। वैसे राज्य सरकार ने ट्रैक्टर माउंटेड क्लोरो पायरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी पेस्टीसाइड सब्सिडी पर जारी किया है जिसको किसान अपने ट्रेक्टर से स्प्रे कर सकता है। यह ज्यादा हानिकारक नहीं है। कुछ किसान अपने खेतों में एलडब्ल्यूओ की टीम को घुसने नहीं दे रहे हैं। मैलाथीन पेस्टीसाइड हानिकारक तो है लेकिन दो दिन में यह वाष्पीकृत हो जाता है जिससे चारे अथवा फसलों को कोई हानि नहीं होती।
पांच महीने से मार रहे टिड्डी
‘हमारी टीमें पांच महीने से करोड़ों टिड्डी का खात्मा कर चुकी है। हमने उसे पश्चिमी राजस्थान से आगे नहीं बढऩे दिया है।
डॉ. केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर

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