जहाज की विंड स्क्रीन, पायटट ट्यूब व स्टेटिक ट्यूब, इंजन इनलेट, एयर कंडिशनिंग पैक इनलेट में टिड्डी घुसने का खतरा है। पायटट व स्टेटिक ट्यूब ब्लॉक होने से हवा की गति व अमीटर संकेत पायलट को गलत मिल सकते हैं।
टिड्डी 6000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है। ऐसे में हवा में उड़ रहे विमान को अधिक खतरा नहीं है। टिड्डी दिन में ही उडऩ भरती है। ऐसे में रात को चलने वाली विमान सेवाएं सुरक्षित रहेगी।
डीजीसीए ने यह एडवाइजरी पायलट, ऑपरेटर्स, इंजीनियर्स, एयर ट्रेफिक कंट्रोलर्स के लिए जारी की है। इंजीनियरिंग व ग्राउण्ड हैंडलिंग एजेंसी को विशेष सतर्कता बरतने का कहा है। एप्रेन में पार्र्किंग में खड़े जहाजों के एयर इनलेट व प्रोब के अंदर टिड्डी घुसने का खतरा रहता है। ऐसे में जहाज को पार्क करने के बाद उसे अच्छी तरह से कवर करना होगा। साथ ही टिड्डी दल से होकर नीचे उतरे जहाज की पूरी जांच के बाद ही उसकी दूसरी उड़ान की अनुमति दी जाएगी।
डीजीसीए ने एडवाइजरी जारी की है। टिड्डी दल अगर एयरपोर्ट व एयरवेज के आसपास होता है जो फ्लाइट संचालन में देरी भी हो सकती है। एयर ट्रेफिक कंट्रोल इसका पूरा ध्यान रखेगा।
जेएस बलारा, निदेशक, जयपुर एयरपोर्ट