scriptटिड्डी के बादलों से फ्लाइट के लैंडिंग व टैक ऑफ का खतरा | locusts are a threat to aircraft, issues guidelines for safe flight | Patrika News

टिड्डी के बादलों से फ्लाइट के लैंडिंग व टैक ऑफ का खतरा

locationजोधपुरPublished: Jun 04, 2020 02:45:02 pm

locust attack in india
– डीजीसीए ने देश के समस्त हवाई अड्डों के लिए जारी की एडवाइजरी- इथोपिया में विश्व की सर्वाधिक टिड्डी, इथोपियन एयरलाइंस का विमान क्रेश होते होते बचा

टिड्डी के बादलों से फ्लाइट के लैंडिंग व टैक ऑफ का खतरा

टिड्डी के बादलों से फ्लाइट के लैंडिंग व टैक ऑफ का खतरा

जोधपुर. देश के मध्य भारत तक टिड्डी पहुंचने और इस महीने में भीषण टिड्डी अटैक की आशंका के मद्देनजर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने देश के समस्त हवाई अड्डों के लिए एडवाइजरी जारी की है। डीजीसीए के अनुसार घरेलू उड़ानों की लैंडिंग व टैक ऑफ के समय टिड्डी दल सामने आने से उड़ान का खतरा पैदा हो सकता है। हवाई जहाज की विंड स्क्रीन पर टिड्डी चिपकने से द़ृश्यता गायब हो सकती है। अगर विंड स्क्रीन पर वाइपर चलाया जाता है तो यह टिड्डी के खून से सन्न जाएगा जिससे एयरपोर्ट और रन-वे दिखाई देना बंद हो जाएगा। हाल ही इथोपियन एयरलाइंस के जिबूती से डायर डावा जा रही फ्लाइट के सामने टिड्डी का बादल आ गया। पायलट कुछ समझ पाता, इससे पहले ही टिड्डी ने उसे घेर लिया। जहाज की पूरी नाक खून से भर गई और उसे आदिस अबाबा एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।
पायलट को मिल सकते हैं गलत संकेत
जहाज की विंड स्क्रीन, पायटट ट्यूब व स्टेटिक ट्यूब, इंजन इनलेट, एयर कंडिशनिंग पैक इनलेट में टिड्डी घुसने का खतरा है। पायटट व स्टेटिक ट्यूब ब्लॉक होने से हवा की गति व अमीटर संकेत पायलट को गलत मिल सकते हैं।
रात को खतरा नहीं
टिड्डी 6000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकती है। ऐसे में हवा में उड़ रहे विमान को अधिक खतरा नहीं है। टिड्डी दिन में ही उडऩ भरती है। ऐसे में रात को चलने वाली विमान सेवाएं सुरक्षित रहेगी।
ग्राउण्ड ऑपरेशन स्टाफ रहे सतर्क
डीजीसीए ने यह एडवाइजरी पायलट, ऑपरेटर्स, इंजीनियर्स, एयर ट्रेफिक कंट्रोलर्स के लिए जारी की है। इंजीनियरिंग व ग्राउण्ड हैंडलिंग एजेंसी को विशेष सतर्कता बरतने का कहा है। एप्रेन में पार्र्किंग में खड़े जहाजों के एयर इनलेट व प्रोब के अंदर टिड्डी घुसने का खतरा रहता है। ऐसे में जहाज को पार्क करने के बाद उसे अच्छी तरह से कवर करना होगा। साथ ही टिड्डी दल से होकर नीचे उतरे जहाज की पूरी जांच के बाद ही उसकी दूसरी उड़ान की अनुमति दी जाएगी।
फ्लाइट में हो सकती है देरी
डीजीसीए ने एडवाइजरी जारी की है। टिड्डी दल अगर एयरपोर्ट व एयरवेज के आसपास होता है जो फ्लाइट संचालन में देरी भी हो सकती है। एयर ट्रेफिक कंट्रोल इसका पूरा ध्यान रखेगा।
जेएस बलारा, निदेशक, जयपुर एयरपोर्ट
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