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जोधपुर में सहेज रखी है गांधी को भेंट की हुई चांदी की तश्तरी, स्वतंत्रता सैनानी चंपालाल से था बापू का खास रिश्ता

locationजोधपुरPublished: Oct 02, 2019 09:47:08 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को मध्यप्रदेश के हरदा जिले में आमसभा के दौरान लोगों ने सम्मानपूर्वक चांदी की तश्तरी भेंट की थी। ये चांदी की तश्तरी हमारे जोधपुर में सहेज कर रखी है। 8 दिसंबर 1933 को मप्र के हरदा शहर में महात्मा गांधी की आमसभा हुई थी।

mahatma gandhi met freedom fighter champalal sokal of jodhpur

जोधपुर में सहेज रखी है गांधी को भेंट की हुई चांदी की तश्तरी, स्वतंत्रता सैनानी चंपालाल से था बापू का खास रिश्ता

अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) को मध्यप्रदेश के हरदा जिले में आमसभा के दौरान लोगों ने सम्मानपूर्वक चांदी की तश्तरी ( Silver dishes ) भेंट की थी। ये चांदी की तश्तरी हमारे जोधपुर में सहेज कर रखी है। 8 दिसंबर 1933 को मप्र के हरदा शहर में महात्मा गांधी की आमसभा हुई थी। इस सभा में हरदा की जनता व स्वतंत्रता सैनानी ( Freedom Fighter ) चंपालाल सोकल ने महात्मा गांधी को चांदी की तश्तरी भेंट की। उस समय महात्मा गांधी को सम्मानपूर्वक दिए जाने वाली वस्तुएं नीलाम होती थी। उससे जमा राशि को स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यों में काम लिया जाता था। इस कारण ये चांदी की तश्तरी स्वतंत्रता सैनानी चंपालाल सोकल ने खरीदी।
डॉ. मालवीय नाना से लेकर आए जोधपुर
डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज ( Dr. SN Medical College ) के अतिरिक्त प्राचार्य व सर्जरी विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ. अजय मालवीय के नाना चंपालाल सोकल स्वतंत्रता सैनानी थे। बतौर नाना से पुरस्कार स्वरूप तश्तरी डॉ. अजय मालवीय जोधपुर में अपने घर ले आए। ऐसे में 1933 की तश्तरी डॉ. मालवीय अपने घर की अलमारी में सहेज कर रखे हैं। डॉ. मालवीय के पास स्वतंत्रता दिवस के पहले दिन 15 अगस्त 1947 को महाकोशल प्रांतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से उनके नाना को दिए गए ताम्रपत्र भी सुरक्षित हैं।
हालांकि उनके नाना को स्वतंत्रता दिवस के 25वें वर्ष में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और भारत छोड़ो आंदोलन के स्वर्ण जयंती समारोह पर साल 1992 में दिए गए ताम्रपत्र भी रखे हैं। डॉ. मालवीय ने बताया कि उनके नाना चंपालाल, गांधी के करीबी रहे और तीन दफे ढाई साल के लिए जेल भी गए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व उनके नाना चंपालाल के हाथ से छूकर निकली हरेक वस्तु अमूल्य हैं।
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