scriptबाल विवाह से आजाद हो गई मैना,सारथी ट्रस्ट ने बाल विवाह निरस्त करवाया | Maina freed from child marriage, Sarathi Trust helped | Patrika News

बाल विवाह से आजाद हो गई मैना,सारथी ट्रस्ट ने बाल विवाह निरस्त करवाया

locationजोधपुरPublished: Aug 18, 2019 10:05:51 pm

Submitted by:

M I Zahir

जोधपुर. चांद सितारे छूने की उम्र में एक बच्ची मैना ( maina ) की किस्मत की डोर अनजाने में ही बांध दी गई ( child marriage ) । सिर्फ दस माह की अबोध जब बड़ी हुई तो उसने विरोध किया,मगर इतने बड़ा फैसला लेने के लिए साथ किसी ने नहींं दिया। तब सारथी ट्रस्ट ( Saarthi Trust ) ने उसका दर्द जाना और उसका बाल विवाह निरस्त करवाया ( Maina freed from child marriage )।
 
 
 
 
 
 
 
 

Maina freed from child marriage, Sarathi Trust helped

Maina freed from child marriage, Sarathi Trust helped

जोधपुर. चांद सितारे छूने की उम्र में एक बच्ची मैना ( maina ) की किस्मत की डोर अनजाने में ही बांध दी गई ( child marriage ) । सिर्फ दस माह की अबोध जब बड़ी हुई तो उसने विरोध किया,मगर इतने बड़ा फैसला लेने के लिए साथ किसी ने नहींं दिया। तब सारथी ट्रस्ट ( Saarthi Trust ) ने उसका दर्द जाना और उसका बाल विवाह निरस्त करवाया ( Maina freed from child marriage )। इस तरह करीब 17 साल से बाल विवाह की बेडियों में बंधी मैना को आजादी मिल गई ( Maina freed from child marriage ) ।
बाल विवाह निरस्त करने का फैसला सुनाया

महज दस माह की अबोध उम्र में बाल विवाह के बंधन में बंधने वाली बालिका वधू मैना ने सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती का संबल पाकर जोधपुर के पारिवारिक न्यायालय संख्या-1 में बाल विवाह निरस्त करने की गुहार लगाई थी। जिस पर पारिवारिक न्यायालय संख्या-1 के न्यायाधीश प्रदीप कुमार जैन ने मैना के तकरीबन 17 साल पहले हुआ बाल विवाह निरस्त करने का फैसला सुनाया। जिले के ढाढणियां भायला गांव निवासी दैनिक मजदूर ठाकरराम की पुत्री 18 वर्षीय मैना का बाल विवाह 26 दिसम्बर 2001 को उदयसर गांव निवासी युवक के साथ समाज के दबाव में कि या गया था। बाल विवाह के समय मैना महज दस महीने की थी। मैना ने ससुराल वालों को बाल विवाह मानने से इनकार कर दिया था।
फरवरी माह में वाद दायर किया था

इस बीच मैना ने सारथी ट्रस्ट की डॉ.कृति भारती ( Dr. Kriti Bharti ) की मदद से जोधपुर पारिवारिक न्यायालय संख्या-1 में बाल विवाह निरस्त के लिए इसी साल फरवरी माह में वाद दायर किया था। न्यायिक सुनवाई में मैना की ओर से डॉ.कृति भारती ने पैरवी कर न्यायालय को मैना के बाल विवाह निरस्त के तथ्यों और आयु से संबंधित प्रमाणिक दस्तावेजों से अवगत करवाया। वहीं काउंसलिंग में दोनों परिवारों की सहमति भी बन गई। जिस पर जोधपुर पारिवारिक न्यायालय संख्या 1 के न्यायाधीश प्रदीपकुमार जैन ने बाल विवाह के खिलाफ समाज को कड़ा संदेश देते हुए मैना के 17 साल पहले महज 10 माह की उम्र में हुए बाल विवाह को निरस्त करने का फैसला सुनाया।

ट्रेंडिंग वीडियो