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MILLET SEEDS—–आंध्रा-महाराष्ट्र के बीजों का एकाधिकार खत्म कर रहा मारवाड़ का बाजरा

locationजोधपुरPublished: Aug 03, 2020 10:20:04 pm

Submitted by:

Amit Dave

– कृषि विवि पैदा कर रहा बाजरा के हाईब्रिड बीज- किसानों को भी रास आ रही नई किस्म

MILLET SEEDS-----आंध्रा-महाराष्ट्र के बीजों का एकाधिकार खत्म कर रहा मारवाड़ का बाजरा

MILLET SEEDS—–आंध्रा-महाराष्ट्र के बीजों का एकाधिकार खत्म कर रहा मारवाड़ का बाजरा

जोधपुर।
देश में राजस्थान बाजरे का प्रमुख उत्पादक राज्य होने के बावजूद किसान बाजरा के बीजों के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर है। ऐसे में जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय इन राज्यों का बाजरा के बीजों पर एकाधिकार खत्म करने का काम कर रहा है, और उन्नत किस्म का हाइब्रिड बीज पैदा कर रहा है। विश्वविद्यालय पिछले करीब पांच सालों से बाजरा की हाइब्रिड किस्म एमपीएमएच-17 पैदा कर रहा है, जो अच्छी पैदावार के साथ किसानों को भी रास आ रही है। देश में राजस्थान बाजरे का मुख्य उत्पादक प्रदेश है। राजस्थान में उत्पादित होने वाले बाजरे का करीब 30 प्रतिशत मारवाड़ में पैदा होता है।

90 फीसदी बीज आंध्रा, महाराष्ट्र आदि राज्यों से
प्रदेश में औसतन हर साल 40 से 50 लाख हेक्टेयर में बाजरे की खेती होती है। प्रति हेक्टेयर 4 किलोग्राम बाजरा बीज की जरुरत होती है। इस हिसाब से 1.5 से 2 लाख क्विंटल बीज की जरुरत पड़ती है। राज्य में 90 फ़ ीसदी बीज आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात व कर्नाटक से मंगाया जाता है। 1 किलो हाइब्रिड बीज की कीमत कम से कम 150 रुपए होती है। ऐसे में राज्य सरकार व निजी कंपनियों द्वारा करीब 200 करोड़ का बीज दूसरे राज्यों से मंगाया जाता है।

प्रदेश में कुल उत्पादन का 50 फीसदी उत्पादन मारवाड़ में
राज्य में औसतन 45 लाख हैक्टेयर रकबे में बाजरे की बुवाई होती है। पूरे प्रदेश के कुल बाजरा के क्षेत्रफ ल में 50 फीसदी बाजरा जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली, नागौर, जालौर और सिरोही में पैदा होता है। सरकारी स्तर पर खरीद की जटिल प्रक्रिया के चलते बाजरा की हाइब्रिड बीज की बिक्री पर निजी कंपनियों का कब्जा है।

विवि में हाइब्रिड बीजों का उत्पादन
वर्ष— पैदावार क्विं में
2015-16– 5.92
2016-17– 64.82
2017-18– 97.4
2018-19– 100.14
2019- 20– 72.71
2020-21– 38.01 (कोरोना के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ )
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बाजरा के संकर किस्म के बीज का उत्पादन प्रदेश में संभव है। किसान इस किस्म को काम में ले रहे है और अच्छी पैदावार हो रही है। सरकार भी इस किस्म को बढ़ावा व प्रोत्साहन दे, ताकि आने वाले कुछ वर्षो में उत्पादन बढ़े व अन्य राज्यों का एकाधिकर खत्म हो।
प्रो डॉ.बीआर चौधरी, कुलपति
कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर

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